बुधवार को, कांग्रेस पार्टी ने सिंगरौली जिले के बासी बरदहा इलाके में कथित तौर पर बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। घिरौली गांव के पास दो घंटे तक सड़क पर विरोध प्रदर्शन के बाद, शाम करीब 4:30 बजे प्रशासन ने जीतू पटवारी, ओमकार मरकाम, कमलेश्वर पटेल, जयवर्धन सिंह और नेहा क्वारे को एक कार में जंगल वाली जगह पर भेजा। पुलिस की गाड़ियां उनकी गाड़ी का पीछा कर रही थीं। पूरा मूवमेंट पुलिस की निगरानी में रहा।
जंगल से बाहर आकर पटवारी ने कहा, “10,000 एकड़ पहाड़, जंगल और जमीन नष्ट करके अडानी को दे दी गई है। इसके लिए कोई परमिशन नहीं ली गई थी।”
जमीन के बदले आदिवासियों को ₹4 लाख का मुआवजा दिया गया है, जबकि दूसरों को ₹16 लाख मिल रहे हैं। करीब 2,000 पुलिसवाले तैनात हैं। 10,000 एकड़ में 25 जगहों पर बटालियन तैनात हैं। मैसेज क्या है? एडमिनिस्ट्रेशन अडानी के लिए काम कर रहा है। उनके मुताबिक, मध्य प्रदेश ने अडानी को 10,000 एकड़ नई ज़मीन दी है। कांग्रेस पार्टी इसके खिलाफ हर लेवल पर लड़ेगी।
कांग्रेस की 12 मेंबर वाली जांच टीम सुबह सिंगरौली पहुंची, लेकिन पुलिस ने टीम को बसी बरदाहा पहुंचने से पहले घिरौली गांव के पास रोक दिया। इसके बाद कांग्रेस नेता और वर्कर सड़क पर धरने पर बैठ गए। मौके पर 200 से ज़्यादा कांग्रेस वर्कर मौजूद थे और एडमिनिस्ट्रेशन के खिलाफ नारे लगाए गए।
कांग्रेस की 12 मेंबर वाली जांच टीम वर्करों के साथ सिंगरौली पहुंची। प्रदेश कांग्रेस कमेटी चीफ जीतू पटवारी ने पुलिस अधिकारियों से बात की और जंगल में जाने की परमिशन मांगी। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चीफ जीतू पटवारी ने पुलिस अधिकारियों से बात की और जंगल में जाने की परमिशन मांगी। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात रहे।
कांग्रेस टीम आदिवासी परिवारों से मिलने और जंगल की हालत देखने की मांग कर रही थी। इसके बाद उमंग सिंघार और विक्रांत भूरिया बाइक से जंगल पहुंचे। पुलिस की रोक के बावजूद, विपक्ष के नेता उमंग सिंघार और MP विक्रांत भूरिया बाइक से जंगल की ओर निकले और कटाई वाली जगह तक पहुंचने में कामयाब रहे। नेताओं ने उन्हें सड़क पर रोक दिया और इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन बताया।
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी का आरोप है, कि प्रशासन अडानी का पक्ष ले रहा है। अगर सब कुछ नियमों के मुताबिक चल रहा है, तो जांच टीम को जंगल में जाने और आदिवासी परिवारों से मिलने से क्यों रोका जा रहा है, यह बात प्रदेश कांग्रेस प्रेसिडेंट जीतू पटवारी ने कही। उन्होंने केंद्र सरकार और अडानी ग्रुप पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि जिला प्रशासन एकतरफा कार्रवाई कर रहा है।
हालात को देखते हुए घिरौली गांव जाने वाली सड़क पर भारी पुलिस फ़ोर्स तैनात कर दी गई। सिंगरौली, सिद्धि, रीवा, सतना, मऊगंज, भोपाल, मंडला और छिंदवाड़ा से पुलिस फ़ोर्स बुलाई गई। मौके पर कुल 800 से ज़्यादा पुलिस वाले और QRF तैनात हैं। एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, अभी हालात कंट्रोल में हैं।
जांच और विरोध करने वाली टीम में जीतू पटवारी, उमंग सिंघार, अजय सिंह, विक्रांत भूरिया, जयवर्धन सिंह, मीनाक्षी नटराजन, हेमंत कटारे, बाला बच्चन, हिना कवरे, ओमकार मरकाम और कमलेश्वर पटेल शामिल हैं। सभी नेताओं ने पेड़ों की कटाई पर तुरंत रोक लगाने और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
स्थानीय लोग भी उनका समर्थन कर रहे हैं। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई से हरियाली खत्म हो जाएगी और भविष्य में प्रदूषण और पानी की कमी जैसी गंभीर समस्याएं पैदा होंगी। कांग्रेस टीम पूरे मामले पर एक रिपोर्ट तैयार करके अपने टॉप लीडरशिप को सौंपेगी।
पुराण डेस्क