भोपाल: जंगल महकमे में 29 करोड़ के 214 वाहनों की खरीदी को लेकर उठे सवाल थम ही नहीं रहे हैं। वित्त विभाग के परिपत्र ने तो वाहन क्रय समिति को भी संदेह के दायरे में खड़ा कर दिया है। समिति में जिम्मेदार अधिकारियों ने वाहन खरीदी में न केवल वित्त विभाग के सर्कुलर की अनदेखी की बल्कि एसीएस और वन बल प्रमुख को भी गुमराह किया।
एक सीनियर अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर वन बल प्रमुख को सलाह दी है कि अपना दामन पाक- साफ रखने वाहनों की खरीदी की जांच के लिए एक सीनियर अधिकारियों की कमेटी बनाकर उठते सवाल के अनुगूंज को रोक सकते है। हालांकि इस मामले में EOW ने भी वित्त विभाग से दस्तावेज मांगे हैं।
वन विभाग में वाहन खरीदी को लेकर उठे सवालों पर धुंध छाने लगी थी तभी वित्त विभाग ने 2 मई को वाहन खरीदी को लेकर एक सरकुलर जारी कर दिया। सरकुलर जारी होते है आईएफएस अफसरों के व्हाट्सप्प ग्रुप पर तेजी से वायरल होने लगा। इसके बाद ही सवालों की अनुगूंज वन भवन से फील्ड तक सुनाई देने लगी कि वित्त विभाग के निर्देश को दरकिनार वाहनों की खरीदी की गई।
लग्जरी वाहनों की खरीदी से असंतुष्ट अधिकारियों का कहना है कि पात्रता से अधिक कीमत ( स्कॉर्पियो और इनोवा जैसी अधिक कीमत वाली वाहन) की वाहन खरीदने संबंधित प्रस्ताव पर कैबिनेट के मंजूरी लेना चाहिए थी। जबकि वाहन खरीदी समिति में शामिल अफसर का तर्क है कि वित्त विभाग का सर्कुलर ही 2 मई को जारी हुआ, उसके पहले 108 बुलोरों नियो, 27 बुलेरों, 65 स्कार्पियों, 4 सियाज, 10 ट्रक खरीदी जा चुकी थी।
वित्त विभाग का नया सरकुलर..
* अखिल भारतीय सेवा के मेट्रिक्स लेविल 14 अथवा अधिक लेविल तथा म.प्र. सिविल सेवा अंतर्गत मेट्रिक्स लेविल 17 स्तर (पीसीसीएफ से वन बल प्रमुख तक) के अधिकारियों के लिए 12 लाख कीमत के वाहन खरीदे जा सकते है।
* अखिल भारतीय सेवा के मेट्रिक्स लेविल 13 एवं 13A तथा म.प्र. सिविल सेवा अंतर्गत मेट्रिक्स लेबिल 15 एवं 16 अंतर्गत सीएफ, सीसीएफ और एपीसीसीएफ स्तर के अधिकारी आते हैं। इनके लिए 10 लाख तक की कीमत के वाहन खरीदें जा सकते हैं।
* अखिल भारतीय सेवा के मेट्रिक्स लेविल 10, 11 एवं 12 तथा म.प्र. सिविल सेवा अंतर्गत मेट्रिक्स लेबिल 12, 13 एवं 14 अंतर्गत डीएफओ आते हैं। इनके लिए 7 लाख कीमत की गाड़ियां खरीदी जा सकती है।
* 27 बुलेरो रेंजर को बांटी गई, जिसकी प्रति वाहन की कीमत 8 लाख के आसपास बताई जा रही है। इसी 108 बुलेरो नियो एसडीओ को वितरित की गई, जिसकी प्रति बुलेरो नियो की कीमत 9 लाख 73 हजार, और करीब 19 लख रुपए प्रति स्कॉर्पियो की दर से 65 वाहन खरीदे गए, जिसमें से 11 स्कॉर्पियो अतिरिक्त रूप से पीसीसीएफ को आवंटित किए गए है। एसीएस, सचिव, वित्तीय सलाहकार के लिए सियाज़ लग्जरी कर खरीदी गई है।
वाहन खरीदी के बाद सरकुलर जारी हुआ..
जंगल महकमे में लग्जरी वाहन से नवाजे गए आईएफएस अधिकारियों का कहना है कि वित्त विभाग के सर्कुलर का अब औचित्य नहीं रह जाता है क्योंकि ये वाहन 2 मई के पहले से खरीदे जा चुके हैं। ऐसा कहने वाले अधिकारियों की संख्या गिनती में है। इसकी जब पड़ताल की गई तब यह तथ्य भी उभर कर प्रकाश में आया कि वित्त विभाग ने 27 सितंबर 2013 को तत्कालीन वित्त सचिव मनीष रस्तोगी के हस्ताक्षर जारी किया गया था। इस सरकुलर में भी समस्त विभागों के लिए वाहन क्रय प्रतिस्थापन अथवा किराए पर लेने हेतु निर्देश जारी किए गए थे।
इसमें कहा गया है कि ₹7600 तक ग्रेड-पे अधिकारियों के लिए 5.50 लाख कीमत के वाहन, ग्रेड-पे अधिकारियों ₹8700 एवं ₹ 8900 ग्रेड-पे अधिकारियों के लिए 6.50 लाख कीमत के वाहन और ₹10000 एवं एचएजी वेतनमान के अधिकारियों के लिए वाहन की अधिकतम लागत 7.50 लाख तक निर्धारित है।