भोपाल: नर्मदापुरम वन मंडल में अब तक का सबसे बड़े अवैध कटाई का मामला प्रकाश में आया। वन मंडल के अकेले इटारसी रेंज की बीट छिपीखापा में वर्ष 2024 से 2025 के बीच हुई गोल्डन टीक सागौन की अवैध कटाई में अब तक 1290 ठूँठ की काउंटिंग और हानि की राशि लगभग ढाई करोड़ तक पहुंची चुकी है।
वन विभाग में 50 लाख रूपये तक की नुकसानी पर एसडीओ पर कार्रवाई करने का प्रावधान है तो फिर अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या इतनी बड़ी नुकसानी पर सीसीएफ और डीएफओ अफसरों की जवाबदेही तय होगी..?
नर्मदापुरम वन मंडल के इटारसी रेंज के पांडरी वन क्षेत्र के अंतर्गत छीपीखापा बीट में हुई गोल्डन टीक सागौन की अवैध कटाई को लेकर राज्य उड़न दस्ते ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए हैं। यदि कटाई पर विराम नहीं लगा तो पूरा इलाका अविरल जंगल में तब्दील हो जाएगा। उड़न दस्ते ने अपनी रिपोर्ट में अकेले छीपीखापा बीट में ढाई करोड़ से अधिक का नुकसानी बताई है।
यहां सागौन वृक्ष टिम्बर माफिया काट कर ले गए और मामले की जांच तब शुरू हुआ जब राज्य वन सेवा के रिटायर्डअफसर मधुकर चतुर्वेदी ने पीसीसीएफ संरक्षण को शिकायत की। कटाई की शिकायत पूर्व में भी हुई थी तब संरक्षण शाखा के मुखिया मनोज अग्रवाल हाथ पैर हाथ भर बैठ रहे। प्रशासनिक फेरबदल के बाद विभाष ठाकुर ने पीसीसीएफ संरक्षण पद संभालते ही छीपीखापा बीट हुई कटाई को गंभीरता से लेते हुए राज्य के उड़न दस्ते को मौका-मुआयना के लिए नर्मदापुरम भेजा। जाने के 9 महीने बाद एसडीओ और रेंजर को आरोप पत्र जारी किए जा रहें हैं।
राज्य उड़न दस्ते की काउंटिंग की फैक्ट फाइल
पीसीसीएफ संरक्षण विभाष ठाकुर के निर्देश पर राज्य उड़न दस्ते की टीम ने 5 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद 1242 सागौन और 38 सतकटा के ठूँठ की कॉउंटिंग की। इसकी बानगी इस प्रकार है।
* 9 सितम्बर 25 को बीट छीपीखापा के कक्ष क्रमांक आर.एफ.-234 नया (पुराना आर. एफ.-112) का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान अवैध रूप से कटे सागौन 116 नग ठूंठ एवं सतकटा 14 नग ठूंठ कुल 130 नग ठूंठ पाये गये।
* 10 सितम्बर 25 को बीट छीपीखापा के कक्ष आरएफ. 234 नया (पुराना आर.एफ. 112) का पुनः निरीक्षण किया गया, निरीक्षण के दौरान अवैध रूप से कटे सागौन 294 नग ठूंठ एवं सतकटा 06 नग ठूंठ कुल 300 नग ठूंठ पाये गये।
* 12 सितम्बर 25 को बीट छीपीखापा के कक्ष आर.एफ.-234 नया (पुराना आर.एफ.-112) का पुनः निरीक्षण 05 दल बनाकर किया गया। निरीक्षण के दौरान अवैध रूप से कटे सागौन 360 नग ठूंठ एवं सतकटा 05 नग ठूंठ कुल 365 नग ढूंढ पाये गये।
* 13 सितम्बर 25 को बीट छीपीखापा के कक्ष आर.एफ.-234 नया (पुराना आर.एफ.-112) का पुनः एवं कक्ष क्रमांक पी.एफ.-241 नया (पुराना पी.एफ.-97) का निरीक्षण 05. दल बनाकर किया गया। निरीक्षण के दौरान अवैध रूप से कटे सागौन के 401 नग ठूंठ एवं सतकटा 07 नग ठूंठ कुल 408 नग ठूंठ पाये गये।
* 14 सितम्बर 25 को बीट छीपीखापा के कक्ष आर.एफ.-234 नया (पुराना आर.एफ.-112) एवं कक्ष क्रमांक पी.एफ.-241 नया (पुराना पी.एफ.-97) का पुनः एवं आर.एफ.-228 नया (पुराना आर.एफ.-113) का निरीक्षण के दौरान अवैध रूप से कटे सागौन के 71 नग ठूंठ एवं सतकटा 6 नग ठूंठ कुल 77 नग ठूंठ पाये गये।
वन संरक्षक के पत्र की भी अनदेखी
वन संरक्षक द्वारा 1 फरवरी 2025 तथा 5 मई 2025 को पत्र लिखकर डीएफओ नर्मदापुरम (सामान्य) को सचेत तो किया जाता रहा किंतु कभी भी स्वयं क्षेत्रों का न मुआयना किया गया। यही नहीं, डीएफओ ने इटारसी और उसके आस-पास के जंगलों की सुरक्षा में न कोई कोई योजना बनाई गई। फल स्वरूप अवैध कटाई के प्रकरण, अवैध शिकार (2 टाइगर, 5 तेंदुआ) होने के प्रकरण सामने आए है, जिन पर वरिष्ठ अधिकारियों का कोई नियंत्रण नहीं होता दिखा है। न तस्कर पकड़े गए न शिकारी और डीएफओ नर्मदापुरम अधिकारी निश्चिंत ऐशो-आराम में समय काटते नजर आए।
क्या इन पर जिम्मेदारी तय होगी?
नर्मदापुरम में मुख्य वन संरक्षक अशोक कुमार अक्टूबर 2024 एवं मयंक गुर्जर डीएफओ नर्मदापुरम (सामान्य) मार्च 2024 से पदस्थ है। इन अधिकारियों का मुख्य दायित्व वन्य प्राणियों, वनों एवं वन क्षेत्रों की सुरक्षा करने में दोनों अधिकारी अपने दायित्वों को भूल गए जिसके कारण मूल्यवान सागौन वन कट रहे है और वे कटाई क्षेत्र में दौरे करने गए ही नहीं।
इन अधिकारियों को नर्मदापुरम के इटारसी परिक्षेत्र के बीट छिपाखापा के RF 112, 113 , 97 में जानकारी होने के बावजूद कोई योजना वृक्षों की कटाई रोकने की नहीं बनाई गई, जिससे तस्करों ने लगभग ढाई करोड़ के सागौन काट ले गए। टिम्बर माफिया इटारसी रेंज के अलावा सिवनी मालवा एवं बानापुरा रेंज तथा हरदा जिले में सक्रिय है।