धार भोजशाला मामले की सुनवाई, MP HC की इंदौर खंडपीठ ने पक्षों की सुनवाई के बाद फ़ैसला सुरक्षित रखा


Image Credit : X

स्टोरी हाइलाइट्स

हाई कोर्ट में कुछ पक्षों ने कहा कि एएसआई ने उन्हें सर्वे की कॉपी नहीं दी है, इसे लेकर कोर्ट ने नाराजगी जताई है और कहा कि आपने साफ कहा था कि सर्वे रिपोर्ट की कॉपी सभी पक्षों को देनी होगी..!!

मध्य प्रदेश के धार में भोजशाला मामले पर ASI सर्वे रिपोर्ट हाल ही में हाई कोर्ट में पेश की गई। जिसे सोमवार 22 जुलाई को कोर्ट में खोला जाना था। मामले में सुनवाई के दौरान सोमवार को कोर्ट ने सभी पक्षों को सुना। MP हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। हाई कोर्ट में कुछ पक्षों ने कहा कि एएसआई ने उन्हें सर्वे की कॉपी नहीं दी है। इसे लेकर कोर्ट ने नाराजगी जताई है और कहा कि आपने साफ कहा था कि सर्वे रिपोर्ट की कॉपी सभी पक्षों को देनी होगी।

98 दिनों के सर्वेक्षण के बाद, एएसआई ने 15 जुलाई को अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंपी। वहीं वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने कहा कि सुनवाई चार हफ्ते के लिए बढ़ा दी जानी चाहिए।

मौलाना कलामुद्दीन वेलफेयर सोसायटी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ऑनलाइन पेश हुए। उन्होंने कहा कि सर्वे रिपोर्ट काफी विस्तृत है। हमें इसका अध्ययन करने का समय दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई होनी है। इसलिए हाई कोर्ट में सुनवाई चार हफ्ते के लिए बढ़ा दी जाए ताकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने तक हम सर्वे रिपोर्ट का भी अध्ययन कर लें।

हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन भी ऑनलाइन उपस्थित हुए और अदालत को बताया कि हमने 1 अप्रैल, 2024 को दिए गए स्टे को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। आवेदन पर दो सप्ताह में सुनवाई होने की संभावना है। सुनवाई के दौरान दरगाह की ओर से पेश वकील ने कहा कि हमें अभी तक कॉपी नहीं मिली है।

इस पर ASI के वकील हिमांशु जोशी ने अदालत को बताया कि वह याचिकाओं में पक्षकार नहीं हैं। इस पर कोर्ट ने जोशी की बात मान ली और कहा कि पक्षकारों को एक कॉपी अनिवार्य रूप से दी जाए। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है। हमें वहां से ऑर्डर का इंतजार करना होगा।' हम जल्द ही इस संबंध में आदेश जारी करेंगे।