भोपाल: उमरिया जिले के विश्वविख्यात बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की सीमा से 10 किमी के भीतर सभी आरा मशीन उद्योगों को हटाने के निर्देश उच्च न्यायालय जबलपुर ने दिए हैं, पूरा मामला उमरिया शहर के भीतर स्थापित एक आरा मशीन से जुड़ा है, जिसके नियम विरुद्ध संचालन को लेकर उमरिया निवासी सीमांत रैकवार ने उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दायर की थी जिसकी सुनवाई पूरी होने के बाद माननीय न्यायालय ने निजी आरा मशीन को हटाने के साथ साथ वन विभाग पार्क प्रबंधन और जिला प्रशासन को आदेशित करते हुए कहा है कि टाइगर रिजर्व की बफर सीमा से 10 किमी के भीतर जो भी काष्ठ उद्योग नियम विरुद्ध संचालित हैं उनकी जांच कर 90 दिवस के भीतर बंद कराएं।
याचिका के दौरान उच्च न्यायालय ने नियम विरुद्ध आरा मशीन संचालन को लेकर वन विभाग को कड़ी फटकार लगाई है उच्च न्यायालय ने यह आदेश भारत सरकार के नोटिफिकेशन दिनांक 16 नवंबर 2016 के आधार पर दिया है,याचिकाकर्ता सीमांत रैकवार की ओर से मामले की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता जितेंद्र तिवारी एवं उनके सहायक रुद्र प्रताप द्विवेदी ने की है।
क्या है मामला..
उमरिया के विनायक टाऊन में संतोष गुप्ता नामक व्यापारी ने आरा मशीन खोल रखी है जिसके कारण उसके पड़ोसी सीमांत रैकवार को मशीन उद्योग से निकालने वाले प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है, सीमांत रैकवार ने इसकी शिकायत संबंधित वन विभाग एवं प्रशासनिक अधिकारियों से की लेकिन उसे कोई उपचार नहीं मिला जिसके बाद सीमांत ने आरा मशीन उद्योग हटाने उच्च न्यायालय की शरण ली।
वन विभाग को लगाई फटकार..
उच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान उमरिया स्थित निजी आरा मशीन संचालक संतोष गुप्ता के संचालन संबंधी दिशानिर्देशों का पालन होना नहीं पाया,माननीय न्यायाधीश ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि आप जंगलों को समाप्त करना चाहते हैं लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे,अदालत का यह फैसला टाइगर रिजर्व के सीमावर्ती इलाकों में वनों की अवैध कटाई को रोकने में कारगर साबित होगा।
सिवनी में भी जंगल की क्षमता की अधिक आरा मशीने..
सिवनी के उत्तर और दक्षिण वन मंडल में जंगल की क्षमता से अधिक आरा मशीन संचालित की जा रही है। यही नहीं, भोपाल संरक्षण शाखा के कुछ अधिकारी कुछ और आरा मशीनों के लाइसेंस देने जा रहें हैं। इनमें एक ऐसे व्यक्ति की पत्नी को लायसेंस देने की तैयारी की है, जिसके खिलाफ पूर्व में वन विभाग ने ही पीओआर की है।
इसकी निष्पक्ष जांच ना कि जाकर केवल रस्म अदायगी की गई है। क्षमता से अधिक आरा मशीन संचालित करने का दुष्परिणाम यह हो रहा है कि सिवनी जिले में अवैध कटाई का सिलसिला थम ही नहीं रहा है। केवलारी के जंगल सफाचट हो गए हैं। इस मामले की गूंज विधानसभा में भी हुई। इस घटना में केवल रेंजर और निचले स्टाफ पर कार्रवाई की गई किंतु बड़े अधिकारियों को बचा लिया गया। सिवनी के जंगलों को बचाने के लिए आरा मशीन के लाइसेंस न तो रिन्यू किया जाए और न ही नए दिए जाएं।