भोपाल: बालाघाट जिले के लालबर्रा परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 443 बहियाटिकुर में मादा बाघ की संदिग्ध मौत और साक्ष्य मिटाने के लिए तीन अलग-अलग स्थानों पर जलाने की घटना अब तूल पकड़ता जा रहा है।
घटना की जांच के लिए सीएफ गौरव चौधरी ने जहां एसआईटी का गठन किया है तो वहीं कर्तव्य में लापरवाही करने पर वन बल प्रमुख बीएन अंबाड़े ने डीएफओ अधर गुप्ता स्पष्टीकरण मांगा है। जबकि जिले के चार विधायकों दक्षिण बालाघाट डीएफओ गुप्ता के खिलाफ भी दंडात्मक अपराध दर्ज करने और उन्हें वहां से हटाने के लिए विधानसभा चर्चा कराने ध्यान आकर्षण सूचना दी है।
बालाघाट जिले के 4 कांग्रेसी विधायकों ने प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर सदन में बाघ हत्या प्रकरण को उठाने की मांग की गई। इस संदर्भ में बालाघाट विधायक अनुभा मुंजारे, बैहर विधायक संजय उइके, वारासिवनी विधायक विवेक पटेल एवं परसवाड़ा विधायक मधु भगत ने तदाशय का पत्र प्रेषित किया है।
पत्र में कहा गया है कि बालाघाट जिले के लालबर्रा रेंज में एक बाघ की नृशंस हत्या विगत सप्ताह कर दी गई। डीएफओं द्वारा मृत बाघ को गुपचुप तरिके से जलाने की कोशिश की गई। क्योंकि बिना डीएफओं के जानकारी के अधिनस्थ कर्मचारियों द्वारा इस तरह का अवैधानिक कृत्य नहीं किया जा सकता। इस मामले में दक्षिण वन मंडल अधिकारी अधर गुप्ता पर दंडात्मक कार्यवाही किये जाने के बजाय अधिनस्थ कर्मचारियों पर कार्यवाही की गई है। जबकि संबंधित अधिकारी द्वारा घटना को छिपाने की कोशिश की गई।
पत्र में यह भी कहा गया है कि बालाघाट में डीएफओ टेरिटोरियल के लिये फिट नही है। उन्होंने कहा है कि जब गुप्ता शहडोल में पदस्थ थे तब शहडोल संभाग कमिश्नर ने शासन को पत्र लिखकर डीएफओ को मद्यपान का आदी बताया था।
विधायकों का कहना है कि गुप्ता टेरिटोरियल के लिए अनफिट है। कांग्रेस विधायक मधु भगत ने बताया कि विभाग उन पर इतना मेहरबान है कि दक्षिण बालाघाट उत्पादन का भी अध्यक्ष प्रभार दिया गया है। जबकि ना तो वह ऑफिस में नजर आते हैं जो फील्ड में दिखाई पड़ते हैं। घर में बैठकर ही डीएफओगीरी कर रहें है।
विधायक भगत का कहना है कि राष्ट्रीय पशु बाघ को बिना वन अपराध पंजीबद्ध किये और बिना प्रक्रिया के जलाकर बाघ के शव को नष्ट करने के मामले को दबाने की कोशिश डीएफओ द्वारा की गई। उन्होंने अपने आप को बचाने के लिये निचले कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है। जबकि इस प्रकरण की संपूर्ण जिम्मेदारी डीएफओं की है।
डिप्टी रेंजर और वनरक्षक फरार..
टाइगर की संदिग्ध मौत पर प्रकरण दर्ज होने के पश्चात डिप्टी डेंजर टीकाराम हनोते और वनरक्षक हिमांशु घोरमारे फरार हो गई। इस मामले में डिप्टी रेंजर सहित 5 वनकर्मियों को निलंबित कर दिया है। बालाघाट वन संरक्षक गौरव चौधरी ने मामले की जांच के लिए एसडीओ के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया है। बाघ की मौत कैसे हुई, यह अभी भी रहस्य बना हुआ है।