स्टोरी हाइलाइट्स
आपने पिछली रात कितने घंटे की नींद ली| 5 घंटे 4 घंटे या 3 घंटे और हो सकता है कि आपने लास्ट नाइट नींद ही ना ली हो क्योंकि वीकेंड था | Sleep Tips
क्या आप साढ़े सात घंटे से कम सोते हैं? एक दिन कम सोना भी कर देता है इतना नुकसान : अतुल पाठक
आपने पिछली रात कितने घंटे की नींद ली| 5 घंटे 4 घंटे या 3 घंटे और हो सकता है कि आपने लास्ट नाइट नींद ही ना ली हो क्योंकि वीकेंड था इसलिए सुबह उठकर ऑफिस जाने की कोई मजबूरी नहीं थी तो आप सोए ही ना हो|
हो सकता है आपने पूरी रात चैटिंग में गुजार दी हो| आप कोई मूवी देखने बैठ गए हो और फिर उस मूवी की पूरी सीरीज ही देख डाली हो| आप फ्रेंड्स से बात करने लगे हैं और सारी रात आप बतियाते ही रहे हों|
आपने सोचा होगा कि समय बर्बाद क्यों किया जाए वीकेंड की रात है तो खुलकर जियो और आपने अपनी पूरी नींद डिस्कशन,चैटिंग, वाचिंग, या फिर दोस्तों के साथ पार्टी में गुजार दी हो |
कई लोग अपनी रातों नींद को अपने सपनों और खुशियों के लिए उड़ा देते हैं|
लोगों का सोचना है कि हमें कुछ करना है तो अपनी नींद में कुछ कटौती करनी पड़ेगी| और कुछ तो अपनी नींद को पूरी तरह उड़ा देते हैं|
औसत एडल्ट 6.8 घंटे सोते हैं|
जापान में राष्ट्रीय औसत 5 घंटे 59 मिनट
सऊदी अरब 6 घंटे 8 मिनट
स्वीडन 6 घंटे 10 मिनट
भारत 6 घंटे औसत नींद होती है|
क्या आपको मालूम है कि कितनी नींद लेना पर्याप्त है?
साइंस कहता है कि हर व्यक्ति को कम से कम 7:30 घंटे की औसत नींद हर रोज लेनी चाहिए |
सोते समय आपके शरीर में बहुत कुछ होता है।
नींद में REM और गैर-REM नींद के बीच साइकिल चलती है।
REM का मतलब रैपिड आई मूवमेंट है। REM स्लीप के दौरान, आपकी आँखें कई दिशाओं में तेज़ी से घूमती हैं, लेकिन आपके ब्रेन को कोई भी विजुअल इंफॉर्मेशन नहीं भेजती| गैर-REM नींद के दौरान ऐसा नहीं होता।
पहले गैर-आरईएम नींद आती है, उसके बाद आरईएम नींद की एक छोटी अवधि होती है, और फिर चक्र फिर से शुरू होता है। सपने आमतौर पर REM स्लीप के दौरान होते हैं।
गैर-आरईएम नींद के दौरान क्या होता है?
गैर-आरईएम नींद के तीन चरण होते हैं। प्रत्येक चरण 5 से 15 मिनट तक चल सकता है। REM स्लीप तक पहुंचने से पहले आप तीनों चरणों से गुजरते हैं।
चरण 1: आपकी आंखें बंद हैं, लेकिन आपको जगाना आसान है। यह चरण 5 से 10 मिनट तक चल सकता है।
चरण 2: आप हल्की नींद में हैं। आपकी हार्ट रेट धीमी हो जाती है और आपके शरीर का टेंपरेचर गिर जाता है। आपका शरीर गहरी नींद के लिए तैयार हो रहा है। यह 10-25 मिनट तक चल सकता है।
चरण 3: यह गहरी नींद की अवस्था है। इस अवस्था के दौरान आपको जगाना कठिन होता है, और यदि कोई आपको जगाता है, तो आप कुछ मिनटों के लिए विचलित महसूस करेंगे।
एनआरईएम नींद के गहरे चरणों के दौरान, शरीर सेल्स की मरम्मत और रीडिवेलपमेंट एंड रीजेनरेशन करता है, हड्डी और मांसपेशियों का निर्माण करता है, और इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।
जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, आप अधिक हल्की नींद लेते हैं और कम गहरी नींद लेते हैं। बुढ़ापा भी कम समय की नींद से जुड़ा हुआ है, हालांकि स्टडीज़ से पता चलता है कि आपको अभी भी उतनी ही नींद की ज़रूरत है जितनी कि आप छोटे थे।
आमतौर पर, REM नींद आपके सो जाने के 90 मिनट बाद होती है। REM की पहली ड्यूरेशन आमतौर पर 10 मिनट तक चलती है। आपका प्रत्येक बाद का REM चरण लंबा हो जाता है, और अंतिम चरण एक घंटे तक चल सकता है। आपकी हार्ट रेट और श्वास तेज हो जाती है।
REM नींद के दौरान आपको intense सपने आ सकते हैं, क्योंकि आपका ब्रेन अधिक एक्टिव होता है। REM महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मस्तिष्क के उन क्षेत्रों को ट्रिगर करता है जो सीखने में मदद करते हैं और प्रोटीन के उत्पादन पढ़ाने से जुड़े होते हैं
REM अवस्था में बच्चे अपनी नींद का 50% तक खर्च कर सकते हैं, जबकि एडल्टस के लिए यह केवल 20% है।
यदि आपको लोगों के नाम याद रखने में दिक्कत है, आपकी याददाश्त कमजोर है तो इसके लिए आपकी कम नींद जिम्मेदार है|
आपको कम से कम 7 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए 8 घंटे की नींद बहुत अच्छी मानी जाती है| आपको 8:00 से 12:00 के बीच अपने बिस्तर पर पहुंच जाना चाहिए|
जैसा कि कहा जाता है कि जितना जल्दी सोएंगे उतना जल्दी उठेंगे तो जल्दी से जल्दी सोने की कोशिश करें|
भारतीय धर्म शास्त्र कहते हैं कि हमें ब्रह्म मुहूर्त में जाग जाना चाहिए लेकिन आज के दौर में यह मुश्किल नजर आता है|
फिर भी हमें कोशिश करनी चाहिए कि सूरज उगने के साथ ही हम जाग जाएं|
कम सोने से अनेक तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स क्रिएट हो सकती है|
कुछ लोगों को काम के कारण देर रात सोने को मिलता है|
साइंस कहता है कि आप सुबह सुबह 2:00 बजे भी सोते हैं लेकिन आप 7:30 घंटे की नींद पूरी कर लेते हैं तो आपको डिप्रेशन डायबिटीज हार्ट डिजीज या अन्य बीमारियों की आशंका नहीं है|
यदि आप लेट सोते हैं तो आप यह तय करें कि आपकी नींद डिस्टर्ब ना हो और आप लगातार 7:30 घंटे की नींद पूरी कर सके|
होता यह है कि हम जब देर तक सोते हैं तो कई तरह के डिस्टरबेंस क्रिएट होते हैं दूध वाला पेपर वाला बाजार की आवाज ट्रैफिक का शोर यह सभी हमारी नींद को प्रभावित करते हैं ऐसे में हमें कोशिश करनी चाहिए कि यदि हम लेट नाइट सोते हैं और दिन में देर तक सोते रहते हैं तो यह सब डिस्टरबेंस हमारी नींद को बाधित ना करें|
यदि आप पूरी नींद नहीं लेते हैं तो आपको क्या रिस्क होगी?
इसका आंसर है आपको कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स हो जाएंगी कारण आपको कार्डियोवैस्कुलर डिजीज यानी हार्ट संबंधी प्रॉब्लम हो जाएंगी इसके साथ आपको हाइपरटेंशन, डायबिटीज और ब्रेस्ट कैंसर/ प्रोस्टेट कैंसर की संभावना बढ़ जाएगी|
आपकी एक रात की खराब नींद भी आपके सेल्स और डीएनए में खराबी ला सकती है| यह हम नहीं बल्कि रिसर्च कह रही है|
कम नींद का कैंसर से सीधा संबंध है|
अब आते हैं कि कम नींद का मानसिक प्रभाव क्या होता है|
कम नींद के कारण एंग्जाइटी और डिप्रेशन क्रिएट होता है|
जापान और कोरिया में हाईएस्ट सुसाइड रेट है इसकी सबसे बड़ी वजह “लेक आफ स्लीप” यानी नींद की कमी|
यदि आप पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं तो आपका वेट भी बढ़ जाएगा|
जो नींद की कमी से जूझते हैं वो प्रतिदिन औसत 385 किलो कैलोरी ज्यादा लेते हैं इससे मोटापा बढ़ता है|
लेप्टिन और ग्रेलिन दो प्रमुख पेप्टाइड हार्मोन हैं जो भूख मॉडुलन के जरिए ऊर्जा मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करते हैं। वे नींद की अवधि के साथ-साथ शरीर के वजन को कंट्रोल करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
ज़्यादातर डिवेलप देशों में, दैनिक नींद की अवधि डेढ़ घंटे कम हो गई है। जब स्लीप की औसत अवधि 7.7 घंटे से कम होती है, तो सभी आयु वर्ग के लोग का औसत बीएमआई बढ़ जाता है, साथ ही लेप्टिन में कमी और घ्रेलिन में वृद्धि होती है| घ्रेलिन से भूख की भावना उत्तेजित होती है और व्यक्ति ज्यादा खाने लगता है| जब कोई व्यक्ति सोता है, तो लेप्टिन का स्तर बढ़ जाता है, यह ब्रेन को बताता है कि शरीर में पर्याप्त ऊर्जा है इसलिए भूख नहीं लगती|
नींद की कमी से घ्रेलिन का स्तर बढ़ जाता है,साथ ही यह ब्लड में लेप्टिन के स्तर को कम करता है। इससे बहुत जबरदस्त भूख लगती है और व्यक्ति जरूरत से ज्यादा खाता है|
भारत में भी नींद की कमी एक आम समस्या हो गई है| दरअसल कम सोना और ज्यादा काम करना प्रोफेशनलिज्म कहा जाने लगा है| जबकि इसका सीधा असर देश के विकास पर पड़ता है|
नींद की कमी ना तो व्यक्ति के लिए फायदेमंद है ना ही किसी देश के लिए|
थॉमस एडिसन ने बल्ब का आविष्कार किया वो 10 घंटे सोते थे|
हम सब सोने से पहले मोबाइल गैजेट्स टेलीविजन का यूज़ करते हैं जो ब्लू लाइट निकलती है इसके कारण कॉर्टिसोल कर लेवल बढ़ जाता है आज नींद एक लग्जरी प्रोडक्ट बन गया है आज पूरी दुनिया में नींद का बाजार जोर जोरों पर है|
SLEEP TECH डिवाइस का मार्केट 10.9 बिलियन डॉलर हो चुका है|
अच्छे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य और जीवन की अच्छी गुणवत्ता के लिए अच्छी नींद जरूरी है। आधुनिक 24-एच समाज में अपर्याप्त नींद एक व्यापक और प्रमुख समस्या है। वर्ल्ड लेवल पर, अपर्याप्त नींद विभिन्न आयु समूहों में प्रचलित है, जिसे एक सार्वजनिक स्वास्थ्य महामारी माना जाता है जिसे अक्सर कम रिपोर्ट किया जाता है, और इसके बहुत ज्यादा आर्थिक नुकसान होते हैं| स्मार्ट फोन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का बढ़ता उपयोग महामारी को और विकराल बना रहा है। कम नींद वाले किशोरों के ज्यादा वजन होने की संभावना होती है और वे अवसादग्रस्त लक्षणों से पीड़ित हो सकते हैं।
हाल ही में जारी एक अध्ययन के अनुसार, भारत दुनिया का दूसरा सबसे अधिक नींद की कमी वाला देश है, जो जापान के बाद है। स्टडी में यह भी कहा गया है कि बिस्तर पर सोने के लिए कम घंटे मिलने के अलावा, भारतीयों में स्वस्थ जीवन शैली की भी कमी थी, जो कि फिजिकल एक्टिविटी है। फिजिकल एक्टिविटी के मामले में संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और सिंगापुर सहित 18 देशों में भारत सबसे कम एक्टिव कंट्री है। तो हो जाइए सावधान फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाने के साथ ही अपनी नींद के समय में और क्वालिटी में सुधार कीजिए ऐसा ना हो कि कहीं देर हो जाए|
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