पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा सरकार पर नगर निकायों में वित्तीय संसाधनों की कमी का बहाना बनाकर जनता पर कर बढ़ाने और कर्मचारियों की छंटनी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने इसे "बेरोज़गारी बम फोड़ने" की साज़िश करार दिया और मांग की कि सरकार अपनी फिजूलखर्ची, घटनाओं का पर्दाफ़ाश करे और भ्रष्टाचार पर रोक लगाए।
भाजपा पर निशाना साधते हुए कमलनाथ ने कहा कि राज्य सरकार जनता को परेशान करने के लिए लगातार नए बहाने खोज रही है। मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार अब नगर निकायों में वित्तीय संसाधनों की कमी का बहाना बनाकर जनता पर कर का बोझ डालने और कर्मचारियों की छंटनी करने की तैयारी कर रही है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि राज्य सरकार हर साल इतना बड़ा कर्ज़ कहाँ से लेती है।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की जनता पहले से ही सबसे ज़्यादा कर के बोझ से जूझ रही है, इसलिए सरकार को नगर निगमों के खर्चों का ऑडिट कर फिजूलखर्ची रोकनी चाहिए। राज्य सरकार को नगर निकायों को अतिरिक्त बजट भी आवंटित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हर स्तर पर करों के बोझ में वृद्धि और छंटनी का विरोध करेगी।
कमलनाथ ने राज्य सरकार पर जनता पर करों का बोझ बढ़ाने और कर्मचारियों की छंटनी की योजना बनाने का आरोप लगाते हुए इसे "बेरोज़गारी बम" फोड़ने की साजिश बताया।
उन्होंने कहा कि करों में वृद्धि और छंटनी राज्य की जनता के हित में नहीं है, खासकर तब जब सरकार बेरोज़गारों को रोज़गार देने में नाकाम साबित हो रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा, "अगर मध्य प्रदेश सरकार फ़िज़ूलखर्ची पर नियंत्रण रखे, घटनाओं को उजागर करे और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाए, तो उसके पास पैसों की कोई कमी नहीं रहेगी।"
उन्होंने राज्य सरकार पर लगातार पड़ रहे कर्ज़ पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि यह भी समझ से परे है कि मध्य प्रदेश सरकार हर महीने लगभग 5,000 करोड़ रुपये उधार लेती है। लेकिन अगर यह कर्ज़ जनसेवा सुविधाओं पर खर्च नहीं हो रहा है, तो जा कहाँ रहा है? उन्होंने राज्य सरकार से नगर निगमों के ख़र्चों का ऑडिट कराने की माँग की और सलाह दी कि फ़िज़ूलखर्ची रोकी जाए। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा सरकार जनता पर अतिरिक्त कर लगाती है या कर्मचारियों की छंटनी करती है तो कांग्रेस पार्टी हर स्तर पर इसका विरोध करेगी।