12 लाख रिश्वत मामले में एसडीओ बर्मन के खिलाफ लोकायुक्त को डेढ़ महीने बाद नहीं मिली अभियोजन की स्वीकृति


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स्टोरी हाइलाइट्स

डीजी लोकायुक्त पुलिस ने एसीएस वर्णवाल को लिखा पत्र..!!

भोपाल: सीहोर वन मंडल में पदस्थ एसडीओ एल्विन बर्मन के खिलाफ रिश्वत के जुर्म में विशेष न्यायलय में मुकदमा चलाने की तैयारी विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त ने कर ली है। लेकिन वन विभाग के एसीएस अशोक वर्णवाल ने डेढ़ महीने बाद भी अभियोजन की स्वीकृति नहीं दी। चर्चा है कि चूंकि एसडीओ वर्मन की आईएफएस पद के लिए डीपीसी होनी है, इसलिए उसके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। 

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महानिदेशक विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त योगेश देशमुख ने एसीएस वन अशोक वर्णवाल को 2 मई 25 को पत्र लिखा है। लेकिन वन विभाग ने अभी तक अभियोजन की स्वीकृति नहीं भेजी है। सूत्रों का कहना है कि शीर्ष पदस्थ अफसर बर्मन को बचाने की मंशा से अभियोजन की अनुमति देने का मामला लंबित रखना चाहते हैं। यह मामला 2019 का है और तब एल्विन बर्मन इंदौर में एसडीओ के पद पर पदस्थ थे। पांच साल तक जांच किए के बाद ही 12 लाख की रिश्वत मांगने के आरोपी एल्विन बर्मन, तत्कालीन एसडीओ इंदौर एंव अन्य के विरूद्ध अपराध प्रथम दृष्टया प्रमाणित पाये गये है। 

इस मामले में विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त योगेश देशमुख ने एसीएस वन को लिखे पत्र में लिखा है कि आरोपी एल्विन बर्मन, तत्कालीन एसडीओ इंदौर को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित अधिनियम-2018) की धारा-7 एंव भारतीय दंड विधान की धारा-120-बी के अंतर्गत दण्डनीय अपराध के लिये न्यायालय में अभियोजित करने हेतु, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 19 (1) (ख) एंव भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 की धारा-218 के अन्तर्गत म.प्र.शासन की अभियोजन स्वीकृति आवश्यक है। अतः अनुरोध है कि प्रकरण में आरोपी के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति आदेश, शीघ्र इस संगठन को भिजवाये जाने का कष्ट करें।

क्या है मामला..

लोकायुक्त पुलिस ने इंदौर-चोरल रेंज के एसडीओ एल्विन बर्मन और डिप्टी रेंजर भगवान बड़ोले के खिलाफ स्कूल संचालक से रिश्वत मांगने का केस दर्ज किया है। स्कूल संचालक की शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने एसडीओ और साथियों को ट्रैप करने की दो बार कोशिश की, पर तब एसडीओ ने फोन नहीं उठाया। फिर शिकायतकर्ता को रिकॉर्डिंग मशीन दी। एसडीओ ने शिकायतकर्ता को सत्य साईं चौराहे पर बुलाया और करीब पौन घंटे तक उनसे रिश्वत के 12 लाख देने की मांग करते रहे। रिकॉर्डिंग सत्यापित होने के बाद ही लोकायुक्त पुलिस ने केस दर्ज किया।

ऑडिओ के कुछ अंश..

बर्मनः तुम तो बहुत बड़े व्यक्ति हो। हमने तुम्हारे बारे में पता किया है। तुम हमको दो-तीन लाख रुपए देकर केस खत्म करवाना चाहते हो?

तिवारी: नहीं, सर पूरा मामला ही गलत है।

बर्मनः जिस जमीन पर तुम्हारी बिल्डिंग बनी हुई है, उसका भाव बाजार में तीन हजार रुपए स्क्वेयर फीट से कम नहीं है। तुमने विभाग की जमीन को मिलाकर करोड़ों रुपए की जमीन तो वैसे ही हासिल कर रखी है। (रिकॉर्डिंग में उनके साथ बड़ोले और अजमेरा हामी भरते सुनाई दिए)