सिरोंज बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा ने एक वीडियो जारी कर कहा, 'मैंने वानप्रस्थ आश्रम स्वीकार कर लिया है। घर-परिवार छोड़ दिया है। अब मैं किसी को अपने पैर नहीं छूने दूंगा। उनका यह वीडियो 23 फरवरी का है, जब वह जनता दरबार में पेश हुए थे।
विधायक ने कहा, 'अब मैं किसी शादी या किसी क्रिकेट टूर्नामेंट में नहीं जाऊंगा। यहां बड़े लोग भी पैर छूते हैं जो कि गलत है। एक नेता का बहुत सारा समय लोगों से मिलने में व्यतीत होता है, इसलिए मैंने दोनों काम बंद करने का फैसला किया है। मेरे स्वागत के लिए गमले और फूलमालाएँ खरीदने में पैसे बर्बाद मत कीजिए।
शर्मा ने वीडियो में कहा- वानप्रस्थ आश्रम और घर छोड़ने की बात ये है कि मैं एक पुजारी परिवार से हूं। मैं एक धार्मिक व्यक्ति हूं। मैंने अपना घर न मानकर पूरी सभा को ही अपना घर मान लिया है। मैं अपने परिवार की तरह यहां के निवासियों की सेवा करूंगा। मैं राजनीति नहीं छोड़ रहा हूं, मैं इसे अपने लोगों की सेवा का माध्यम मानता हूं और ऐसा करना जारी रखूंगा।'
विधायक ने कहा- मैं शादियों में जाना बंद कर रहा हूं क्योंकि एक साथ 70 से 80 कार्ड आ जाते हैं। सबके यहां जाना संभव नहीं है, जिसके यहां नहीं जाता उसी को बुरा लगता है, इसलिए किसी भी शादी में नहीं जाऊंगा।
साथ ही, जहां तक क्रिकेट की बात है तो यह हमारे क्षेत्र में टेनिस बॉल से खेला जाता है। जिन लड़कों का कोई भविष्य नहीं है वे कभी भी भारतीय टीम में शामिल नहीं हो सकते। सचिन तेंदुलकर वहां नहीं होंगे क्योंकि उन्होंने चमड़े की गेंदों से खेलना बंद कर दिया है। मैंने जो भी फैसला लिया है, सोच-समझकर लिया है।'
59 वर्षीय उमाकांत शर्मा अविवाहित हैं। वह अपने भाई लक्ष्मीकांत शर्मा की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। लगातार दूसरी बार क्षेत्र की जनता ने उन पर भरोसा जताया और विधायक बनाया है। पोस्ट ग्रेजुएट, उमाकांत को आध्यात्मिक और दार्शनिक किताबें पढ़ना पसंद है। वह अक्सर अपने बयानों और गतिविधियों को लेकर चर्चा में रहते हैं।
विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने कहा था कि कुछ बिल्डर, राजनीतिक विरोधी और माफिया उनके दुश्मन हैं। उन्हें साजिश के तहत फंसाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा, 'मुझे मारने की साजिश हो सकती है।'