MP की डायल-112 सेवा पर 1500 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप, सरकारी फैक्ट चेक ने सच किया उजागर


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स्टोरी हाइलाइट्स

पिछले महीने मध्य प्रदेश में पुलिस व्यवस्था को और मज़बूत करने के लिए 'डायल-112 सेवा' शुरू की गई थी। इसके लिए सरकार ने 1200 फ़ास्ट रिस्पांस व्हीकल्स लॉन्च किए थे..!!

सोशल मीडिया पर चल रही ख़बरों में मध्य प्रदेश की मोहन सरकार पर एक बार फिर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। पिछले महीने मध्य प्रदेश में पुलिस व्यवस्था को और मज़बूत करने के लिए 'डायल-112 सेवा' शुरू की गई थी। इसके लिए सरकार ने 1200 फ़ास्ट रिस्पांस व्हीकल्स लॉन्च किए थे। 

अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर इस योजना को लेकर सवाल उठ रहे हैं। कई लोग इसमें भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार ने बोलेरो और स्कॉर्पियो जैसी गाड़ियों की ख़रीद के लिए 1500 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है, जो बहुत ज़्यादा है। एक तरह से यह भ्रष्टाचार है। 

मामला बढ़ता देख मध्य प्रदेश के जनसंपर्क विभाग के फैक्ट चेक ने इन आरोपों का पूरी तरह से खंडन किया है।

एक यूज़र ने X पर अपनी पोस्ट में लिखा कि, " सरकार ने एक स्कॉर्पियो को एक करोड़ से अधिक में खरीदा, मध्यप्रदेश सरकार में नया घोटाला आया सामने !! 

दरअसल मध्य प्रदेश पुलिस ने डायल 100 की जगह अब 112 कर दी है जिसके लिए 1200 नई गाड़ियां खरीदी गई है जिसमें 600 स्कॉर्पियो और 600 बोलेरो खरीदी गई हैं, जो गाड़ियां 30 से 40 लाख में आ जाते हैं उन गाड़ियों को सरकार ने एक करोड़ से अधिक रकम में खरीदा है। 1200 गाड़ियां 1500 करोड़ में खरीदी गई हैं तो आप लोग बताइए एक गाड़ी कितने में पड़ी ? वीडियो " कई अन्य यूज़र्स ने भी सरकार पर इसी तरह के आरोप लगाए हैं।

कहा जा रहा है, कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा डायल 112 के तहत ख़रीदे गए वाहनों को लेकर सोशल मीडिया पर भ्रामक और झूठी जानकारी शेयर की जा रही है।

मामला बढ़ता देख मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग के फ़ैक्ट चेक विभाग ने हस्तक्षेप किया और X पर पोस्ट करके इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया। पोस्ट में कहा गया कि यह पैसा सिर्फ़ वाहन ख़रीदने के लिए नहीं है, बल्कि इस पैसे को योजना से जुड़े कई कामों पर खर्च किया जाना है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि कितना पैसा किस पर खर्च होगा।

जनसंपर्क विभाग ने पहले कहा था कि यह डायल 112 का टेंडर 1500 करोड़ रुपये नहीं, बल्कि लगभग 972 करोड़ रुपये का है। यह राशि 1 वर्ष की अवधि के लिए नहीं बल्कि 5 वर्षों के लिए है। इसके अलावा, विभाग ने बताया कि ये वाहन खरीदे नहीं गए हैं बल्कि किराए पर लिए गए हैं। जिसमें बोलेरो का किराया 32 हजार रुपये जबकि स्कॉर्पियो का किराया 36 हजार रुपये प्रति माह है।

इस धनराशि में न केवल वाहनों का किराया शामिल है, बल्कि 1200 वाहनों के संचालन, रखरखाव और लगभग 5 हजार कर्मचारियों के वेतन का खर्च भी लगभग 719.75 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, स्टेट कमांड सेंटर, डेस्कटॉप और कर्मचारियों के वेतन का खर्च 78.5 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर (हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, सर्वर आदि) और उसके रखरखाव के लिए 174 करोड़ रुपये का बजट है। इस प्रकार, 5 वर्षों के लिए 972 करोड़ रुपये का बजट है।

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 14 अगस्त को राजधानी भोपाल में डायल 112 योजना का शुभारंभ किया। सीएम ने 1200 पुलिस वाहनों का शुभारंभ किया। इन्हें राज्य भर में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। 

ये सभी वाहन आधुनिक हाई-टेक सुविधाओं से लैस हैं। इनमें डेटा एनालिटिक्स, रियल-टाइम लोकेशन ट्रैकिंग और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी सुविधाएँ हैं। शहरी क्षेत्रों के लिए 600 स्कॉर्पियो और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 600 बोलेरो नियो को एफआरवी के रूप में संचालित किया गया है।