अब प्रदेश में 50 हजार नहीं 81 हजार खेत तालाब बनाये जायेंगे


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स्टोरी हाइलाइट्स

मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर वर्तमान में 30 जून 2025 तक आयोजित जल गंगा सवंर्धन अभियान में खेत तालाब बनाने के लक्ष्य में बदलाव कर दिया है..!!

भोपाल: मप्र के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर वर्तमान में 30 जून 2025 तक आयोजित जल गंगा सवंर्धन अभियान में खेत तालाब बनाने के लक्ष्य में बदलाव कर दिया है जिसके तहत 50 हजार की जगह 81 हजार 78 खेत तालाब बनाये जायेंगे। इसके लिये सभी जिला कलेक्टरों को नये लक्ष्यों के पालन के निर्देश जारी किये गये हैं।

उल्लेखनीय है कि खेत तालाब, खेत का पानी खेत में और गांव का पानी गांव की अवधारणा पर निजी भूमि पर निर्मित की जाने वाली ऐसी जलग्रहण संरचना है जिसका उपयोग खरीफ फसल की सुरक्षात्मक सिंचाई एवं रबी फसल हेतु आवश्यक सिंचाई और अन्य विविध उद्देश्यों जैसे मत्स्य उत्पादन, सिंघाड़ा उत्पादन तथा पशुओं के लिये पेयजल आदि हतु किया जाता है। 

खेत तालाबों के निर्माण के लिये वित्त व्यवस्था मनरेगा तथा पीएम कृषि सिंचाई योजना के वाटरशेड विकास से की जायेगी। कुल खेती योग्य भूमि के 10 प्रतिशत हिस्से में खेत तालाब का निर्माण उपयुक्त बताया गया है। ये तालाब 3 से 4 मीटर की गहराई के हो सकेंगे। मनरेगा के तहत 400, 800, एक हजार तथा 3600 घनमीटर भण्डारण क्षमता के तालाब बनलाये जा सकते हैं जबकि वाटरशेड विकास के अंतर्गत भण्डरण क्षमता 3600 घनमीटर होना चाहिये।

नये लक्ष्यों के अनुसार, अब जलबलपुर जिले में 616 के स्थान पर 1581, सतना जिले में 656 के स्थान पर 2085, छतरपुर जिले में 1144 के स्थान पर 1677, छिन्दवाड़ा जिले में 1641 के स्थान पर 2370 खेत तालाब बनाये जायेंगे। सिंगरौल जिले में लक्ष्य 1594 यथावत रखा गया है। वहीं भोपाल जिले में 107 के स्थान पर 666 तथा उज्जैन जिले में 83 के स्थान पर 1827 खेत तालाब बनाये जायेंगे।