अब प्रदेश के वृध्दाश्रमों के कर्मचारियों का मानदेय लंबित नहीं होगा


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स्टोरी हाइलाइट्स

निराश्रित निधि से संचालित केंद्रों में वहां नियुक्त कर्मचारियों के मानदेय भुगतान और अनुदान में विलम्ब न हो..!!

भोपाल: मप्र में सामाजिक न्याय विभाग द्वारा जिलों में जन सहयोग से 21 वरिष्ठ आश्रमों, केंद्रीय अनुदान से 16 वरिष्ठ आश्रमों तथा 30 जिलों में 36 वरिष्ठ आश्रमों का संचालन तथा 44 दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों का संचालन निराश्रित निधि से किया जा रहा है। 

निराश्रित निधि से संचालित केंद्रों में वहां नियुक्त कर्मचारियों के मानदेय भुगतान और अनुदान में विलम्ब न हो, इसके लिये सामाजिक न्याय विभाग की प्रमुख सचिव सोनाली वायंगणकर द्वारा जिला कलेक्टरों को ई-पेमेंट के माध्यम से चार मदों में कार्यवाही करने के अधिकार प्रदान किये गये हैं जिनमें शामिल हैं : एक, वरिष्ठ आश्रम को अनुदान। दो, वरिष्ठ आश्रम में कार्यरत कर्मचारियों को मानदेय का भुगतान। तीन, जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र के कर्मचारियों को मानदेय का भुगतान। चार, वरिष्ठ आश्रम एवं पुनवार्स केंद्र में होने वाले स्टेशनरी, जलकर, दूरभाष, इंटरनेट एवं विद्युत पर होने वाले व्यय। ये चारों व्यय निरश्रित निधि के ब्याज से किये जायेंगे तथा ऐसा न करने पर इसे वित्तीय अनियमितता माना जायेगा।

इसी प्रकार, चार अन्य मदों पर व्यय निराश्रित निधि के मूल धन से किया जाना होगा। इसमें शामिल हैं : एक, दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्यरत अशासकीय संस्थाओं को अनुदान। दो, मुख्यमंत्री दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना। तीन, मुख्यमंत्री दिव्यांग शिक्षा प्रोत्साहन (लेपटाप) योजना। चार, अन्य आकस्मिक व्यय।