केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर पदयात्रा की परंपरा को पुनर्जीवित करते हुए रविवार को सीहोर जिले के लाड़कुई गांव से 25 साल बाद अपनी नई पदयात्रा शुरू की। पहले दिन उन्होंने भड़कुई और छिंदगांव मौजी गांव के बीच करीब 7 किलोमीटर की दूरी पैदल तय की। इस पदयात्रा में उनकी पत्नी साधना सिंह, बेटा कार्तिकेय चौहान और बहू अमानत चौहान भी उनके साथ नज़र आईं।
पदयात्रा के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर मैं मंत्री बनकर पदयात्रा कर सकता हूं तो आप भी अपने गांव के लिए कुछ कर सकते हैं। गांव का विकास करके ही विकसित भारत का हमारा लक्ष्य साकार होगा।
विकसित भारत संकल्प पदयात्रा के दूसरे दिन केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज ने संसदीय क्षेत्र की बुधनी विधानसभा के बीजला जोड़, चांदाग्रहण जोड़ और भैरूंदा क्षेत्र में पदय़ात्रा की और यहां के लोगों से संवाद भी किया। विदिशा में 'विकसित भारत संकल्प पदयात्रा' के दौरान लोगों ने उन्हें कंधे पर उठाया, और जमकर थिरके।
आपको बता दें, कि उन्होंने 1991 में विदिशा जिले से भी पदयात्रा की थी, जिसके कारण उन्हें 'पांव-पांव वाले भैया' नाम मिला था। इस बार भी ग्रामीणों ने उनका इसी नाम से स्वागत किया।
पदयात्रा के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री सौर योजना, स्वरोजगार योजना जैसी विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी दी और उनसे फीडबैक भी लिया। उन्होंने किसानों, महिलाओं, युवाओं और 'लखपति दीदी' से बातचीत की और उनकी समस्याएं सुनीं।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सरकारी योजनाओं की प्रक्रिया को आसान और सुलभ बनाया जाए, खासकर अनुसूचित जनजाति वर्ग के नागरिकों के लिए, ताकि सभी पात्र लाभार्थी योजनाओं का लाभ उठा सकें।
अपने संदेश में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विकसित भारत का सपना तभी पूरा होगा, जब हमारे गांव विकसित होंगे। उन्होंने स्थानीय लोगों से गांव के विकास में सक्रिय भूमिका निभाने और 'विकसित भारत' अभियान का हिस्सा बनने का आह्वान किया।