रिटायर्ड आईएफएस श्रीवास्तव का शोकाज नोटिस निरस्त, मिल सकेगी पेंशन व ग्रेच्युटी


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स्टोरी हाइलाइट्स

श्रीवास्तव जब जबलपुर वनवृत्त के सीसीएफ थे, तब उनके विरुद्ध टिम्बर व्यापारी पर तथाकथित रूप से दबाव डालकर रिश्वत की मांग करने के संबंध में चर्चा की रिकार्डिंग संबंधी तथाकथित घटना शासन के संज्ञान में आने पर 2 सदस्यीय जांच समिति गठित की गई थी..!!

भोपाल: मप्र कैडर के रिटायर्ड पीसीसीएफ अजीत श्रीवास्तव (1987 बैच) को दिया गया शो कॉज नोटिस निरस्त कर दिया है। अब उन्हें पेंशन, ग्रेच्युटी का लाभ मिल सकेगा।

श्रीवास्तव जब जबलपुर वनवृत्त के सीसीएफ थे, तब उनके विरुद्ध टिम्बर व्यापारी पर तथाकथित रूप से दबाव डालकर रिश्वत की मांग करने के संबंध में चर्चा की रिकार्डिंग संबंधी तथाकथित घटना शासन के संज्ञान में आने पर 2 सदस्यीय जांच समिति गठित की गई थी। समिति की रिपोर्ट के आधार पर अप्रैल 2016 में श्रीवास्तव को कारण बताओ नोटिस दिया गया था। इसके जवाब में श्रीवास्तव एवं विभागाध्यक्ष के अभिमत के बाद श्रीवास्तव की एक वेतनवृद्धि रोकने की कार्यवाही की गई थी। 

श्रीवास्तव को लघु शास्ति आरोप ज्ञापन जारी करना था, जो नहीं किया जाकर विभाग के ज्ञाप दिनांक 22 अप्रैल 2016 के आधार पर प्रकरण संघ लोक सेवा आयोग के अभिमत हेतु प्रेषित किया गया। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा प्रकरण वापस कर यह पूछा कि श्रीवास्तव को अखिल भारतीय सेवायें (अनुशासन एवं अपील) नियम, 1969 के किस नियम के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ की गई है, यह स्पष्ट नहीं है।

कैट से मिली थी राहत..

इस कार्यवाही के दौरान अजीत कुमार श्रीवास्तव द्वारा केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण में दायर याचिका में यथास्थिति बनाये रखे जाने का अंतरिम स्थगन आदेश पारित किया, जिसके कारण लघु शास्ति का आरोप ज्ञापन जारी नहीं किया जा सका। 

श्रीवास्तव को सेवा में रहते हुए अखिल भारतीय सेवायें (अनुशासन एवं अपील) नियम, 1969 के नियम 10 अंतर्गत आरोप ज्ञापन जारी नहीं किये गये और जिस घटना के लिये आरोप ज्ञापन दिया जाना है, वह चार वर्ष से अधिक पुराना है। इसलिये राज्य शासन ने उन्हें दिया गया कारण बताओ नोटिस अब समाप्त कर प्रकरण नस्तीबद्ध कर दिया है।