भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के माननीय केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने 18 नवंबर 2025 को भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (IITF), भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित "विशेष हथकरघा एवं हस्तशिल्प प्रदर्शनी - कम सेल" का शुभारंभ किया। इस अवसर पर वस्त्र मंत्रालय की सचिव नीलम शमी राव तथा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
इस वर्ष के मंडप का थीम है - "वस्त्र कला : भारत की विरासत”, जो भारत की शाश्वत शिल्प धरोहर को उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम – इन चार क्षेत्रों की विशिष्ट हथकरघा परंपराओं के माध्यम से दर्शाता है। हर क्षेत्र अपनी अनोखी स्पर्श - स्मृति- भक्ति से ओतप्रोत हस्तकला पहचान प्रस्तुत करता है।
मंडप की कथा
उत्तर- प्रतिबिंब और पैतृक सौंदर्य
इस खंड में गणेश, राम दरबार के रूपांकनों और प्रसिद्ध बनारसी बुनाई को प्रदर्शित किया गया है, जो हमारी विरासत और उत्कृष्ट कारीगरी का प्रतीक है।
दक्षिण - निपुणता, भक्ति और मूर्तिकला अनुशासन
कर्नाटक और तमिलनाडु की लकड़ी, रेशम, धातु कला और नटराज की दिव्य लय को दर्शाने वाली उत्कृष्ट कृतियाँ यहाँ प्रदर्शित हैं।
पूर्व- स्मृति, निरंतरता और हाथों की धड़कन
ओडिशा और बंगाल की परंपराएँ, जहाँ बुनाई केवल शिल्प नहीं बल्कि जीवन, अनुभव और पहचान का स्वरूप है।
पश्चिम-उजास, उत्सव और रेगिस्तानी चमक
आईने का काम, लिप्पन कला और नक्काशीदार लकड़ी - ये सभी रेगिस्तान की दृढ़ता और उत्सवधर्मिता का भाव लिए हुए हैं।
प्रदर्शनी भ्रमण के दौरान माननीय मंत्री गिरिराज सिंह जी ने उपस्थित बुनकरों और कारीगरों से चर्चा की । उन्होंने सरकार द्वारा कच्चे माल से लेकर तकनीकी उन्नयन, डिज़ाइन हस्तक्षेप और बाजार उपलब्धता तक पूरी मूल्य श्रृंखला को मजबूत बनाने के लिए किए जा रहे निरंतर प्रयासों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय का उद्देश्य बुनकरों और शिल्पकारों की आमदनी एवं आजीविका को सतत रूप से बढ़ाना है, ताकि भारत दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे टिकाऊ हस्तशिल्प अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी नेतृत्वकारी भूमिका को और आगे बढ़ा सके।
यह कार्यक्रम 14 से 27 नवंबर 2025 तक प्रतिदिन सुबह 10:00 बजे से शाम 7:30 बजे तक हॉल नंबर 5, ग्राउंड फ्लोर, भारत मंडपम, नई दिल्ली में आम जनता के लिए खुला रहेगा। इसमें 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 200 स्टॉल द्वारा कुल 53 विशिष्ट शिल्प प्रदर्शित किए गए हैं। पूरे मंडप का प्रबंधन "नेशनल हैंडलूम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NHDC ) " द्वारा किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य हथकरघा बुनकरों और हस्तशिल्प कारीगरों को सीधे बाजार की सुविधा उपलब्ध कराना है।
लाइव डेमोंस्ट्रेशन में कानी बुनाई और सजनी कढ़ाई शामिल हैं, जहाँ आगंतुक भारत की दुर्लभ एवं उत्कृष्ट शिल्प परंपराओं को करीब से अनुभव कर सकते हैं।
प्रदर्शनी में 1 पद्मपुरस्कार विजेता, 4 संत कबीर पुरस्कार विजेता, 4 राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता, 5 राज्य पुरस्कार विजेता तथा 1 NMC पुरस्कार विजेता कारीगर भी सम्मिलित हैं, जिनकी उत्कृष्ट कला भारत की वस्त्र विरासत की गरिमा को और बढ़ाती है।
पुराण डेस्क