मप्र में आगे बढ़ेगी तबादलों की मियाद..! पांच दिन शेष, ज्यादातर विभाग जारी नहीं कर सके सूची


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स्टोरी हाइलाइट्स

अब ज्यादातर अधिकारी और मंत्री प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 31 मई को प्रस्तावित दौरे की तैयारियों में व्यस्त हैं, इस वजह से तबादला सूची तैयार नहीं हो पाई हैं, ऐसे में मंत्री तबादलों की अवधि बढ़ाने की मांग कर सकते हैं। जिसके तहत 7 दिन या फिर 15 जून तक प्रतिबंध अवधि बढ़ाई जा सकती है..!!

भोपाल: प्रदेश सरकार द्वारा हटाए गए तबादलों से प्रतिबंध की मियाद 30 मई को खत्म होने जा रही है। इस बीच ज्यादातर विभाग तबादला सूची जारी नहीं कर सके हैं। जिलों में तो अभी तबादले शुरू ही नहीं हुए हैं। ऐसे में तबादलों की मियाद को आगे बढ़ाया जा सकता है।

अब ज्यादातर अधिकारी और मंत्री प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 31 मई को प्रस्तावित दौरे की तैयारियों में व्यस्त हैं। इस वजह से तबादला सूची तैयार नहीं हो पाई हैं। ऐसे में मंत्री तबादलों की अवधि बढ़ाने की मांग कर सकते हैं। जिसके तहत 7 दिन या फिर 15 जून तक प्रतिबंध अवधि बढ़ाई जा सकती है। दरअसल, प्रदेश में तबादले को लेकर मारामारी देखने को मिल रही है। शिक्षा, राजस्व और स्वास्थ्य विभाग में सबसे अधिक आवेदन आए है। अब तक डेढ़ लाख से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं। जबकि सिर्फ 50 हजार से अधिक ट्रांसफर होना है। ऐसे में तबादलों की तारीख को आगे बढ़ाया जा सकता है। सबसे ज्यादा ट्रांसफर की मारामारी स्कूल शिक्षा विभाग में है, जहां 35 हजार आवेदन आए हैं।

राजस्व में 8 हजार और स्वास्थ्य में 4 हजार से ज्यादा तबादलों के आवेदन आए हैं। इन सबके बीच सरकार तबादलों की तारीख एक सप्ताह तक बढ़ाने पर भी विचार कर रही है। कुछ विभागों को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर विभाग एक भी तबादला नहीं कर पाए है।

15 जून तक सकता है प्रतिबंध

सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार तबादला नीति के अनुसार 31 मई तक विभागों को तबादले करना है। विभाग यदि समय सीमा बढ़ाने की मांग करते हैं तो मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद तबादला अवधि बढ़ाई जा सकती है। फिलहाल किसी भी विभाग ने तबादला अवधि बढ़ाने की मांग नहीं की है। हालाकि ज्यादातर विभागों ने तबादले भी नहीं किए हैं। बताया गया कि यह अवधि 15 जून तक बढ़ाई जा सकती है। क्षेत्र के ट्रांसफर में विधायकों की सहमति को विभागीय मंत्री द्वारा ज्यादा तरजीह दी जा रही है। इसमें प्रयास यह है कि विधायकों की नाराजगी मोलन ली जाए। इसमें भाजपा विधायकों की सहमति को तवज्जों दी जाएगी।