भोपाल: बालाघाट के लालबर्रा रेंज में बाघिन की मौत का रहस्य बरकरार है। वन विभाग का पूरा अमला बंदर की तरह उछल कूद कर रहा है पर न शिकारी पकड़ में आ रहा है न अपराधियों पर कार्रवाई हो रही है। 20 दिन का समय बीत गया है। यहां तक की एसडीओ बीआर सिरसाम के निलंबन का प्रस्ताव भी हफ्ते भर से मंत्रालय में लंबित है। दिलचस्प पहलू या भी है कि घटना को लेकर जब तक तफसीस चल रही थी तब अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी एल कृष्णमूर्ति स नेशनल पार्क डायरेक्टर देवा प्रसाद और डिप्टी डायरेक्टर रजनीश सिंह, वन संरक्षक के साथ सोनवानी सेंचुरी का भ्रमण कर रहे थे।
इसका खुलासा डीएफओ दक्षिण बालाघाट आधार गुप्ता ने अपनी स्पष्टीकरण में कहा है। वे स्वयं भी कृष्णमूर्ति के आगे पीछे घूमते नजर आ रहे थे। इस बीच राजधानी में कांग्रेस विधायक अनुभा मुंजारे वन बल प्रमुख वी एन अम्बाड़े से भेंट कर ज्ञापन सौंपा हैं। कांग्रेस विधायकों की एक ही मांग है कि डीएफओ के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की जाए। जंगल महक में यह चर्चा है कि बांधवगढ़ में हाथियों की मौत पर तुरंत एक्शन लेने वाले एसीएस अशोक वर्णवाल दक्षिण बालाघाट डीएफओ अधर गुप्ता पर मेहरबान क्यों है?
दक्षिण बालाघाट गुप्ता द्वारा भोपाल भेजे गए प्रतिवेदन के अनुसार 2 अगस्त 25 को व्हाट्सएप के माध्यम से मृत बाघ की फोटो मेरे गोबाईल पर प्राप्त हुई। घटना को त्वरित संज्ञान में लेते हुये दोपहर 2 बजे संबंधित उपवनमण्डल अधिकारी कटंगी सामान्य एवं परिक्षेत्र अधिकारी लालबर्रा सामान्य तथा अन्य स्टॉफ के दल को मौके पर भेजा गया। डॉग स्क्वाड भी सर्चिग के लिये रवाना किया गया। डॉग स्क्वाड द्वारा सुरक्षा श्रमिकों के गांव एवं रहयासी इलाका के आसपास सर्चिग किया गया। साथ ही डाग स्क्वॉड द्वारा लगभग 10 कि.मी. में सर्चिग की गई, लेकिन कोई ठोस राबूत नही मिला। सायं करीब 05 बजे मेरे द्वारा स्वयं घटना के बारे में विस्तृत जानकारी एवं जांच करने के लिये मौके पर पहुंचा गया। उपवनमण्डल अधिकारी कटंगी सामान्य एवं परिक्षेत्र अधिकारी लालबर्रा सामान्य एवं राभी स्टॉफ को निर्देशित किया गया कि इस घटना में संलिप्त जो भी लोग हैं, उनसे तुरंत रेंज कार्यालय लाकर पूछताछ की जाये।
उनका यह स्पष्टीकरण भी हास्यास्पद लग रहा है, क्योंकि अपने ही स्पष्टीकरण में लिख रहे हैं कि उन्होंने 2 अगस्त को कैसे को क्रैक किया। जबकि वनरक्षक ने उन्हें 25 जुलाई को अवगत करा दिया था। हिमांशु घोरमारे वनरक्षक से पूछताछ की गई। वनरक्षक ने घटना को स्वीकार करते हुये बताया कि उन्हें दिनांक 25/07/2025 को मृत बाघ की सूचना मिली थी। उनके द्वारा श्री टीकाराम हनोते, वनपाल को बताया गया एवं वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना नहीं दी गई।
बड़ों को बक्शा और छोटे कर्मचारियों पर हुई कार्यवाही
बाघिन की मौत को लेकर फॉरेस्ट की अधिकारी लकीर के फकीर बने हुए है। स्वयं को बचाने के लिए छोटे कर्मचारियों पर लगातार गाज गिल्ट जा रहे हैं। एसडीओ बी सिरसम का निलंबन का मामला जानबूझकर मंत्रालय में डंप कर दिया गया है। जबकि वनरक्षक टीकाराम हेनोते क्रमांक/310 दिनांक 03/08/2025 से निलंबित किया गया। इसके अलावा चार चौकीदारों को भी निलंबित कर दिया है। पत्र क्रमांक /सुरक्षा/1122 दिनांक 04/08/2025 से वनसंरक्षक वनवृत्त बालाघाट की ओर वन अपराध प्रकरण 16036/06 दिनांक 2/अगस्त/25 में संलिप्त वन अधिकारी/कर्मचारी को CRPC धारा 197/बंस की धारा 218 के तहत अभियोजन प्रस्तुत करने की स्वीकृति मांगी गई है।
विधायकों की मांग अधर गुप्ता हटाए
मंगलवार को महिला विधायक अनुभा मुंजारे नेतृत्व में विधायक संजय यूके विक्की पटेल और मधु भगत के अलावा शत्रुघ्न असाटी ने राज्य वन मंत्री से लेकर वन-बाल प्रमुख बी एन अंबाड़े तक से मुलाकात की। इस मुलाकात में बाघिन की मौत को लेकर विस्तार से चर्चा हुई और उन्हें एक ज्ञापन भी सोपे। वन पर प्रमुख को दिए गए ज्ञापन में अधर गुप्ता को दक्षिण वन मंडल से तत्काल हटाने की मांग की है। बातचीत के दौरान महिला विधायक अनुभा मुंजारे ने उन्हें आधार गुप्ता की शहडोल में हुई पोस्टिंग के दौरान तत्कालीन संभव आयुक्त राजीव मिश्रा की उसे रिपोर्ट का भी जिक्र किया, जिसमें उनके मद्दपान आदि होने के साथ-साथ फील्ड में मदद न करने का सुझाव दिया गया था।
मुख्यालय पर उठ रहे हैं सवाल
पीसीसीएफ वन प्राणी शुभ रंजन सेन एक बाघिन की मौत को लेकर घटना के 20 दिन से अधिक समय हो गए किंतु अभी तक उन्होंने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है। इससे उनके निर्णय क्षमता पर सवालिया निशान उठ रहा है। प्रदेश के वन्य जीव विशेषज्ञों की मांग है कि बांधवगढ़ हाथियों की मौत के मामले में जिस तरीके से तत्कालीन पीसी थे वाइल्डलाइफ को हटाया गया था ठीक उसी तरह का निर्णय बालाघाट में हुई बाघिन की मौत के सिलसिले में लिया जाना चाहिए।