भोपाल: राज्य सरकार ने वर्तमान में चल रहे जलगंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत प्रदेश में एक हजार नये अमृत सरोवर बनाये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। अमृत सरोवर बनाने का मिशन अप्रैल 2022 से प्रारंभ हुआ है जिसमें जलसंकट की गंभीर समस्या को दूर करने में काफी सफलता मिली है।
इस साल अमृत सरोवर 2.0 योजना लांच की गई है जिसका उद्देश्य जलवायु को मजबूत करना, पारिस्थितिक संतुलन को बढ़ावा देना और भावी पीढिय़ों को स्थाई लाभ पहुंचाना है। पहले चरण के मिशन में स्थल चयन में कई त्रुटियां हुई थीं इसलिये 30 जून 2025 तक चलने वाले दूसरे चरण में नये तकनीकी मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं जिनमें नवचयनित अमृत सरोवर के आसपास 500 मीटर में पहले से निर्मित कोई तालाब नहीं होना भी शामिल है।
दूसरे चरण के अमृत सरोवर समतल क्षेत्रों में कम से कम 0.4 हैक्टेयर में होगा जिसका जलग्रहण क्षेत्र दस हजार घनमीटर होगा। पर्वतीय क्षेत्रों में 0.25 हैक्टेयर क्षेत्र में यह सरोवर बन सकेगा जिसकी जलग्रहण क्षमता ढाई हजार घनमीटर हो सकेगी। इन अमृत सरोवर का निर्माण ग्रामीणों की सक्रिय जनभागीदारी से किया जायेगा तथा वन भूमि में निर्माण के लिये वन विभाग से अनुमति अनिवार्य होगी।
इन सरोवरों के निर्माण हेतु मनरेगा स्कीम से अधिकतम 40 लाख रुपये मिल सकेंगे। नये बनने वाले इन सरोवरों का सामुदायिक उपयोग किया जा सकेगा तथा इसमें मत्स्य पालन भी हो सकेगा जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इस साल जबलपुर जिले में 21, सतना जिले में 24, छिन्दवाड़ा जिले में 33, छतरपुर जिले में 35 तथा सिंगरौली जिले में 12 अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। सर्वाधिक अमृत सरोवर सीधी जिले में 37, खण्डवा जिले में 28 तथा सर्वाधिक कम सरोवर बुराहानपुर एवं भोपाल जिले में 6-6 बनेंगे।