भोपाल: बालाघाट के लालबर्रा वन परिक्षेत्र में हुई बाघिन की मौत के मामले ने अब नया मोड़ ले लिया है। दक्षिण बालाघाट डीएफओ अधर गुप्ता को बचाने के लिए उनकी पत्नी एवं डीएफओ उत्तर बालाघाट नेहा श्रीवास्तव ने कांग्रेस की महिला विधायक अनुभा मुंजारे पर अभ्रदता भाषा का इस्तेमाल करने और 2-3 पेटी मांगने का गंभीर आरोप लगाया है। इस आरोप से नाराज विधायक ने मुंजारे ने आईएफएस नेहा श्रीवास्तव पर हाई कोर्ट जबलपुर में मानहानि दायर करने की बात कही है। इस संबंध में विधायक ने एक वीडियो भी जारी किया है।
उत्तर बालाघाट डीएफओ नेहा श्रीवास्तव का 16 अगस्त को लिखा पत्र बुधवार की सुबह से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पत्र सार्वजनिक होते ही पीसीसीएफ एवं वन बल प्रमुख वीएन अम्बाड़े ने दो सदस्यीय जांच कमेटी बना दी है। जांच कमेटी को 7 दिन के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
यहां यह उल्लेखनीय है कि बाघिन की रहस्यमय मौत और उसके शव को जलाने की घटना प्रकाश में आने के बाद कांग्रेस विधायक अनुभा मुंजारे सदन से सचिवालय तक दक्षिण बालाघाट डीएफओ अधर गुप्ता को निलंबित करने और उन पर दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग करती आ रही हैं।
कांग्रेस विधायक मुंजारे ने 5 तारीख को सदन में मुद्दे को उठाया और 12 अगस्त को एसीएस अशोक वर्णवाल और वन बल प्रमुख वीएन अम्बाड़े से मिली और गुप्ता के निलंबन कीअपनी मांग दोहराई। इसके बाद 16 अगस्त को उनकी पत्नी और उत्तर बालाघाट डीएफओ नेहा श्रीवास्तव ने अपने पति को बचाने की मंशा से विधायक पर सनसनीखेज आरोप लगाते हुए एक पत्र वन बल प्रमुख को लिखा है।
डीएफओ नेहा ने क्या लिखा है पत्र
डीएफओ नेहा श्रीवास्तव ने अपने पत्र में लिखा है कि बालाघाट विधायक अनुभा मुंजारे ने 16 अगस्त को सार्वजनिक अवकाश होने के बाद भी उन्हें फारेस्ट रेस्ट हाउस में मिलने बुलाया। जब शाम करीब 4 बजे वह एफआरएच पहुंची, जहां एमएलए ने अपने निजी कर्मचारियों, सुरक्षाकर्मियों और एक अन्य महिला की उपस्थिति में उनसे 2-3 पेटी की अवैध पैसों की मांग की। जब इस डिमांड को अस्वीकार्य किया गया तो एमएलए ने शत्रुतापूर्ण प्रतिक्रिया व्यक्त की। इतना ही नहीं एमएलए ने न केवल उन्हें बल्कि उनके परिवार के लिए भी असंयमित और अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया। एमएलए ने सभी मंडलाधिकारियों को भी जिले में तैनात नहीं रहने देने की बात कही है।
दो सदस्यीय जांच दल गठित
डीएफओ नेहा श्रीवास्तव द्वारा लिखे गए पत्र के बाद मध्यप्रदेश शासन वन विभाग ने 3 सितंबर को दो सदस्यीय जांच दल का गठन किया है। इस दल में अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक कामोलिका मोहंता और वनसंरक्षक अंजना सुचिता तिर्की को शामिल किया गया है। समिति को दो सप्ताह के भीतर मामले की जांच कर प्रतिवेदन राज्य शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है।
नेहा श्रीवास्तव पर करेंगी मानहानि
विधायक अनुभा मुंजारे ने डीएफओ नेहा श्रीवास्तव द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। विधायक मुंजारे ने डीएफओ नेहा श्रीवास्तव के खिलाफ उच्च न्यायालय में मानहानि का प्रकरण दर्ज करने की बात कही है। विधायक का कहना है कि डीएफओ सिविल सेवा सर्विस के दायरे में आती है, उन्हें अपनी सीमा में रहना चाहिए। उनके खिलाफ अनर्गल बयान व शिकायत की जा रही है, जो कि पूरी तरह से गलत है और वह इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। इस प्रकरण को लेकर वह आमरण अनशन भी करेगी। विधायक का कहना है कि पति को बचाने डीएफओ नेहा श्रीवास्तव कर रही ओछी, निम्न स्तरीय हरकत कर रही है।