कर्नल सोफिया कुरैशी पर मोहन सरकार के मंत्री विजय शाह का बयान उनके गले की फांस बनता जा रहा है। सोफिया को पाकिस्तान की बहन कहने के बाद उठे विवाद पर एमपी के कैबिनेट मंत्री ने माफी मांग ली है, लेकिन विपक्ष माफ करने के मूड में नहीं है। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भोपाल थाने में विजय शाह के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। जीतू पटवारी ने मांग की है कि उन्हें पार्टी से निकाला जाए और उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा है कि भाजपा सरकार के मंत्री विजय शाह द्वारा भारतीय सेना की बहादुर कर्नल सोफिया कुरैशी को "आतंकवादियों की बहन" कहने का घृणित और देश विरोधी बयान न केवल एक गंभीर अपराध है, बल्कि भारतीय सेना की गरिमा, देश की एकता और सामाजिक सद्भाव पर खुला हमला है।
यह बयान विजय शाह की संकीर्ण मानसिकता, सांप्रदायिक द्वेष और गैर जिम्मेदाराना रवैये का भी उदाहरण है, जो उन्हें जनप्रतिनिधि, खासकर मंत्री के पद के लिए पूरी तरह अयोग्य साबित करता है। जीतू पटवारी ने कहा कि कर्नल सोफिया कुरैशी ने अपनी बहादुरी और देशभक्ति से देश का सम्मान बढ़ाया है।
ऐसे व्यक्तित्व पर हमला उनके व्यक्तिगत सम्मान पर हमला है और भारतीय सेना और जनता की भावनाओं का अपमान भी है। यह भी बेहद आपत्तिजनक है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी इस मामले पर आपत्तिजनक और बेहद निंदनीय चुप्पी साधे हुए हैं। उनकी चुप्पी, निष्क्रियता और बयान के प्रति मौन समर्थन इस असहनीय अपराध को और अधिक गंभीर बना रहा है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि भाजपा भारतीय सेना के सम्मान और प्रदेश की जनता की भावनाओं के प्रति पूरी तरह असंवेदनशील और गैरजिम्मेदार है। मुख्यमंत्री की यह घिनौनी चुप्पी उनके नेतृत्व पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।
उन्होंने आगे लिखा कि मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी इस घिनौने बयान और मुख्यमंत्री की शर्मनाक चुप्पी की निंदा करती है और मांग करती है कि..
* मंत्री विजय शाह को तत्काल मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए और उनके खिलाफ देशद्रोह सहित सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
* मंत्री विजय शाह और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को कर्नल सोफिया कुरैशी से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।
* मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को बयान पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए और इस अपराध की व्यक्तिगत जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए।
* पीएमओ को ऐसे बयानों को रोकने के लिए नीतिगत तंत्र सुनिश्चित करना चाहिए और हमें किए गए अपराधों की श्रेणी में सूचीबद्ध करना चाहिए।