इस्तीफा देने के मूड में नहीं विजय शाह, गृहमंत्री अमित शाह से बात करने के बाद लेंगे फ़ैसला


Image Credit : X

स्टोरी हाइलाइट्स

अपने आपत्तिजनक बयान के कारण मंत्री विजय शाह को राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, मामला और बढ़ने के बाद देर रात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में मुख्यमंत्री आवास पर एक अहम बैठक हुई, इस बैठक के बाद यह साफ हो गया कि विजय शाह अभी इस्तीफा देने के मूड में नहीं हैं..!!

कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर हाल ही में दिए गए विवादित बयान के कारण मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह राजनीतिक विवादों में घिर गए हैं। उनके खिलाफ FIR दर्ज हो चुकी है और विपक्ष के साथ-साथ उनकी अपनी पार्टी बीजेपी में भी उनके इस्तीफे की मांग जोर पकड़ने लगी है। 

लेकिन अब जानकारी सामने आ रही है कि उन्होंने इस्तीफा देने से साफ इनकार कर दिया है, जिसके कारण राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। 

अपने आपत्तिजनक बयान के कारण उन्हें राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। मामला और बढ़ने के बाद देर रात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में मुख्यमंत्री आवास पर एक अहम बैठक हुई। इस बैठक के बाद यह साफ हो गया कि विजय शाह अभी इस्तीफा देने के मूड में नहीं हैं।

विजय शाह ने इस विवाद में कोर्ट में अपना पक्ष रखने की गुहार लगाई है। साथ ही उनकी योजना सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की भी है। इससे संकेत मिलते हैं कि वे इस मामले को कानूनी तौर पर लड़ना चाहते हैं।

मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह ने कर्नल कुरैशी को 'आतंकवादियों की बहन' कहा था, जिस पर कोर्ट ने कहा कि यह बयान सशस्त्र बलों का अपमान है और सांप्रदायिक नफरत फैलाता है। विवाद बढ़ने पर मंत्री शाह ने माफी मांगी और कहा कि उनका इरादा किसी को ठेस पहुंचाने का नहीं था। 

वहीं, इस बयान को लेकर भाजपा में बेचैनी है, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शाह की बर्खास्तगी की मांग की है। महिला सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर मंत्री विजय शाह के विवादित बयान पर हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए इसे कैंसर जितना घातक बताया है। हाईकोर्ट के जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की बेंच ने संज्ञान याचिका पर सुनवाई करते हुए डीजीपी को विजय के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। 

हाईकोर्ट ने कहा कि मंत्री शाह ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है, जो अस्वीकार्य है। इसके बाद महू पुलिस ने बुधवार देर रात विजय शाह के खिलाफ FIR दर्ज कर ली। FIR दर्ज होने के बाद मोहन सरकार के मंत्री विजय शाह ने कहा कि वे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात करेंगे। इसके बाद वे अपने इस्तीफे पर फैसला लेंगे। 

रात में वे एक गेस्ट हाउस में रुके और सुबह फिर अपने समर्थकों से मिले। मानपुर पुलिस ने भी मामला दर्ज करने में देरी की। शाम सात बजे से ही वरिष्ठ अधिकारी थाने में बैठे थे, लेकिन भोपाल से FIR का ड्राफ्ट आ गया। इसके बाद रिपोर्ट लिखी गई। रिपोर्ट में कोर्ट की टिप्पणी का उल्लेख किया गया। 

मंत्री के खिलाफ देश की अखंडता को खतरे में डालने की धारा में दर्ज मामला गैर जमानती है। इसमें सात साल की सजा भी संभव है। धर्म, जाति और भाषा के आधार पर वैमनस्य फैलाने का मामला भी अन्य धाराओं में दर्ज किया गया। मामले की सुनवाई गुरुवार को कोर्ट में होगी। जिसमें पुलिस मामला दर्ज होने की जानकारी रखेगी। 

मामला दर्ज करने से पहले मंत्री ने दोबारा वीडियो जारी कर माफी मांगी है। कोर्ट में माफीनामा भी पेश किया जाएगा। यह मामला है सोमवार को महू के अंबेडकर नगर के रेकुंडा गांव में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में राज्य सरकार के मंत्री विजय शाह ने भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया। 

इस संबंध में समाचार पत्रों और डिजिटल मीडिया में प्रकाशित खबरों का संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट की खंडपीठ मामले की जनहित याचिका के रूप में सुनवाई कर रही थी। खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि सशस्त्र बल देश की अंतिम संस्था है, जो ईमानदारी, उद्योग, अनुशासन, त्याग, निस्वार्थता, चरित्र, सम्मान और अदम्य साहस को दर्शाती है। देश का कोई भी नागरिक उन्हें स्वयं पहचान सकता है। 

मंत्री विजय शाह ने एक जनसभा में कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ 'अभद्र भाषा' का प्रयोग किया है। कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ सशस्त्र बलों का चेहरा थीं, जिन्होंने मीडिया और देश को पाकिस्तान के खिलाफ हमारे सशस्त्र बलों द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन 'सिंदूर' की प्रगति के बारे में बताया। यह टिप्पणी सशस्त्र बलों के लिए अपमानजनक और खतरनाक है। 

पीठ ने अपने आदेश में कहा कि मंत्री ने कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ व्यंग्यात्मक टिप्पणी की है, जो किसी और के लिए नहीं बल्कि उनके लिए हो सकती थी। उन्होंने कर्नल सोफिया कुरैशी को पहलगाम में 26 निर्दोष भारतीयों को मारने वाले आतंकवादियों की बहन कहा है। 

समाचार पत्रों की रिपोर्ट और इंटरनेट पर उपलब्ध डिजिटल सामग्री में मंत्री के भाषण हैं। उनकी टिप्पणी न केवल संबंधित अधिकारी के लिए बल्कि सशस्त्र बलों के लिए भी अपमानजनक और खतरनाक है। मंत्री विजय शाह द्वारा दिया गया बयान प्रथम दृष्टया मुस्लिम धर्म के सदस्यों और अन्य व्यक्तियों के बीच दुश्मनी और शत्रुता या घृणा या दुर्भावना पैदा करने की प्रवृत्ति रखता है।

दरअसल मोहन सरकार के मंत्री विजय शाह ने मानपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित बयान दिया था। मानपुर में आयोजित हलमा कार्यक्रम में मंत्री शाह ने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा कि जिन आतंकियों ने पहलगाम में लोगों की हत्या की, उनके कपड़े उतारे, उन आतंकियों ने हमारी बहनों का सिंदूर नष्ट किया। मंत्री शाह ने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी ने उनकी बहन को भेजकर उनकी ऐसी-तैसी कर दी।

इस बयान पर जब राजनीति गरमाई तो उन्होंने कहा कि हमारी बहनों का सिंदूर तोड़ने वालों को हमने उन्हीं की भाषा में जवाब दिया है। उनके भाषण को दूसरे संदर्भ में नहीं देखा जाना चाहिए। वे हमारी बहनें हैं। उन्होंने पूरी ताकत से सेना के साथ काम किया है।

दूसरी ओर शाह के बयानों को लेकर भाजपा में भी बेचैनी है और पार्टी की छवि बचाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। बुधवार सुबह इस पूरे विवाद पर प्रदेश भाजपा कार्यालय में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, प्रदेश प्रभारी महेंद्र सिंह, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा के बीच बैठक हुई। बैठक में शाह के बयान पर चर्चा हुई। पार्टी सूत्रों के मुताबिक पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट दिल्ली स्तर पर शीर्ष नेतृत्व को भेज दी गई है।