Acharya Vidyasagar Maharaj: विश्व प्रसिद्ध जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज ने शनिवार देर रात समाधि ले ली. करीब 6 महीने पहले वे छत्तीसगढ़ पहुंचे थे. यहां डोंगरगढ़ के चंद्रगिरी तीर्थ में रुके हुए थे. लंबे समय से उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं था. करीब 3 दिन पहले ही आचार्य विद्यासागर ने आचार्य पद अपने शिष्य निर्यापक मुनि समयसागर को सौंप दिया और सल्लेखना की प्रक्रिया शुरू कर दी थी.
जैन समाज के वर्तमान के वर्धमान कहे जाने वाले संत शिरोमणि विद्यासागर महाराज ने 3 दिन पहले विधि-विधान से समाधि प्रक्रिया यानी सल्लेखना शुरू कर दी थी. इसके तहत उन्होंने अन्न-जल का पूर्ण रूप से त्याग कर दिया. इसके बाद शनिवार देर रात करीब 2 बजकर 35 मिनिट पर आचार्य ने देह त्याग दिया. उनके निधन के बाद लगातार सियासी गलियारों से शोक संदेश आना शुरू हो गए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स अकाउंट पर लिखा, आचार्य श्री 108 विद्यासागर महाराज जी का ब्रह्मलीन होना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है. लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जाएंगे. वे जीवनपर्यंत गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में जुटे रहे. यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे निरंतर उनका आशीर्वाद मिलता रहा. पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ के चंद्रगिरी जैन मंदिर में उनसे हुई भेंट मेरे लिए अविस्मरणीय रहेगी. तब आचार्य जी से मुझे भरपूर स्नेह और आशीष प्राप्त हुआ था. समाज के लिए उनका अप्रतिम योगदान देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा.
वहीं, एमपी के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लिखा, राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का समाधिपूर्वक निधन का समाचार सम्पूर्ण जगत को स्तब्ध और निशब्द करने वाला है. मेरे जीवन में आचार्य श्री का गहरा प्रभाव रहा, उनके जीवन का अधिकतर समय मध्यप्रदेश की भूमि में गुजरा और उनका मुझे भरपूर आशीर्वाद मिला. आचार्य श्री के सामने आते ही हृदय प्रेरणा से भर उठता था. उनका आशीर्वाद असीम शांति और अनंत ऊर्जा प्रदान करता था. उनका जीवन त्याग और प्रेम का उदाहरण है आचार्य श्री जीते जागते परमात्मा थे. उनका भौतिक शरीर हमारे बीच ना हो लेकिन गुरु के रूप में उनकी दिव्य उपस्थिति सदैव आस पास रहेगी. आचार्य श्री शीघ्र ही परमपद सिद्धत्व को प्राप्त हों, गुरुवर के चरणों मे शत शत नमन, नमोस्तु भगवन.
इसके अलावा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने लिखा कि विश्व वंदनीय, राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर महामुनिराज जी के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ में सल्लेखना पूर्वक समाधि का समाचार प्राप्त हुआ. छत्तीसगढ़ सहित देश-दुनिया को अपने ओजस्वी ज्ञान से पल्लवित करने वाले आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को देश व समाज के लिए किए गए उल्लेखनीय कार्य, उनके त्याग और तपस्या के लिए युगों-युगों तक स्मरण किया जाएगा. आध्यात्मिक चेतना के पुंज आचार्य श्री विद्यासागर जी के श्रीचरणों में कोटि-कोटि नमन.
बता दें कि जैन संत आचार्य विद्यासागर महाराज के मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर अनुयायी हैं. वे अक्सर दोनों राज्यों में विहार करते थे. मध्यप्रदेश सरकार ने हमेंशा ही उनको राज्य अतिथि का दर्जा दिया है. बीजेपी और कांग्रेस के लगभग सभी बड़े नेता अक्सर उनकी धर्म सभा में उनके दर्शन और अशीर्वाद के लिए जाते थे. मध्यप्रदेश के जैन समाज में उनके निधन की सूचना मिलने के बाद शोक का माहौल है.