मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शनिवार 12 जुलाई की सुबह अपनी पत्नी के साथ मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुँचे और भस्म आरती में शामिल हुए।
महाकाल के दर्शन करने के बाद, मुख्यमंत्री भक्त निवास माधव सेवा न्यास में एक बैठक में शामिल हुए। फिर नर्सिंग घाट पहुँचे। दोपहर में वे कालिदास अकादमी में निषाद सम्मेलन में शामिल होंगे। इसके बाद, नलवा गाँव में आयोजित एक कार्यक्रम में, वे एक क्लिक से लाड़ली बहनों के खातों में 1250 रुपए की राशि हस्तांतरित करेंगे।
11 जुलाई की शाम को उज्जैन आने के बाद, सीएम यादव ने कई कार्यक्रमों में भाग लिया और रात्रि में महाकाल मंदिर के पास स्थित हेरिटेज होटल में विश्राम किया। श्रावण मास के दूसरे दिन, शनिवार की सुबह-सुबह मुख्यमंत्री अपनी पत्नी सीमा यादव के साथ पारंपरिक परिधान में महाकाल मंदिर पहुँचे। भस्म आरती के बाद उन्होंने बाबा महाकाल की पूजा-अर्चना की। इस दौरान उन्होंने नंदी हॉल में बैठकर भगवान शिव की आराधना की।
पूजा-अर्चना के बाद सीएम ने प्रदेश को भावनात्मक एवं आध्यात्मिक एकता का संदेश दिया। कलेक्टर रोशन सिंह ने महाकाल मंदिर में मुख्यमंत्री यादव का स्वागत अंगवस्त्र और प्रसाद भेंट कर किया।
विदेश रवाना होने से पहले, मुख्यमंत्री यादव ने बाबा महाकाल से प्रदेशवासियों की समृद्धि और कल्याण की प्रार्थना की। दर्शन के बाद मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि "बाबा महाकाल की असीम कृपा से ही मध्य प्रदेश निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है।
मैं बाबा से प्रार्थना करता हूँ कि हमारा प्रदेश आत्मनिर्भरता, रोजगार, शिक्षा और आध्यात्म के पथ पर अग्रसर हो।" डॉ. यादव ने यह भी कहा कि श्रावण महाकाल का आशीर्वाद प्राप्त करने का सर्वोत्तम समय है और इस पवित्र माह में किए गए संकल्प का फल अवश्य मिलता है।