Bhojshala ASI Survey: बुधवार को भोजशाला सर्वे का 20वां दिन रहा। सुबह 8 बजे ASI की एक टीम भोजशाला में सर्वे करने पहुंची। सर्वे के दौरान दोनों पार्टियां मौजूद रहे।
ASI की टीम 16 अधिकारियों और 36 मजदूरों के साथ सुबह 8 बजे भोजशाला पहुंची। इससे पहले मंगलवार (9 अप्रैल) को एएसआई की टीम ने अक्कल कुइया समेत बाहरी इलाकों में सर्वे किया था। गर्भगृह के पिछले हिस्से के साथ-साथ ASI टीम का ध्यान अब कमल मौला की दरगाह परिसर में स्थित अक्कल कुइयां की ओर जा रहा है।
ASI विशेषज्ञों ने यहां गहन जांच की। इस जांच के अनुसार, रेफेक्ट्री के प्रवेश द्वार पर दीवार के एक तरफ एक शिलालेख है, जबकि दूसरी तरफ यह गोमुख दबा हुआ था। जिसे टीम ने साफ कर चिन्हित कर लिया है। अक्कल कुइया को लेकर भी सर्वे चल रहा है। इस क्षेत्र के बाहर 50 मीटर के क्षेत्र में पूरे दिन खुदाई की गई।
हिंदू पार्टी के आशीष गोयल ने बताया कि 19वें दिन सर्वे के दौरान कमल मौला की दरगाह परिसर से सटी भोजशाला की बाईं दीवार में एक गाय का चेहरा सामने आया, जो सालों से दबी हुई थी। आशीष गोयल ने बताया कि टीम ने यहां की आकृति देखने के बाद सफाई की, सर्वे टीम ने केमिकल ट्रीटमेंट किया और कार्बन डेटिंग से जांच की।
कहा जा रहा है कि अब ASI की टीम एक कदम आगे बढ़कर मशीनों की मदद लेगी। हालांकि अभी ये मशीनें किनारे तक नहीं पहुंची हैं लेकिन एक-दो दिन में मशीनें पहुंचने की संभावना है। इसमें जीपीआर तकनीक और सफाई में इस्तेमाल होने वाली मशीनें शामिल हैं।
दरअसल, हिंदू समुदाय धार जिले में स्थित भोजशाला पर वाग्देवी (देवी सरस्वती) को समर्पित मंदिर होने का दावा करता है। जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला मस्जिद बता रहा है। इस मुद्दे पर कई बार धार्मिक उन्माद हो चुका है। 11वीं शताब्दी में निर्मित इस स्मारक को एएसआई द्वारा संरक्षित किया गया है।
दोनों समुदायों के बीच विवाद को देखते हुए 7 अप्रैल 2003 को एएसआई की ओर से व्यवस्था की गई थी। जिसके तहत हर मंगलवार को हिंदू समुदाय सुबह से शाम तक कैंटीन परिसर में नमाज अदा कर सकेगा, जबकि मुस्लिम समुदाय को हर शुक्रवार दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक परिसर में शुक्रवार की नमाज अदा करने की इजाजत दी गई है।