भोपाल: मप्र सरकार द्वारा गत 24 मार्च 2025 को विधानसभा में मप्र नगर तथा ग्राम निवेश संशोधन विधेयक पारित किया था जिसे अब राज्यपाल मंगु भाई पटेल की मंजूरी मिल गई है जिससे यह एक एक्ट के रुप में लागू हो गया है। इसमें राज्य सरकार को अधिकार दिया गया है कि वह बड़े प्रोजेक्ट के लिये लैंड पुलिंग कर सकेगी।
यह लैंड पुलिंग दो मानदण्डों में से किसी एक के पूरा होने पर ही हो सकेगी अर्थात एक, प्रोजेक्ट का क्षेत्र 40 हैक्टेयर से अधिक हो या प्रोजेक्ट की लागत 500 करोड़ रुपये से अधिक हो। इस लैंड पुलिंग के लिये राज्य सरकार किसी शासकीय एजेंसी को नियुक्त भी कर सकेगी। यह नया एक्ट औद्योगिक क्षेत्र, सडक़ें आदि के निर्माण के लिये लाया गया है जिसमें राज्य सरकार किसानों से अनुबंध कर उनकी जमीन पर विकास कार्य करेगी और फिर विकसित भूमि के पचास प्रतिशत भूखण्ड किसान को सौंप देगी और शेष 50 प्रतिशत विकसित भूखण्ड राज्य सरकार अपने पास रखेगा।
उल्लेखनीय है कि मप्र नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम वर्ष 1973 में बना है जिसमें 52 सालों बाद संशोधन कर नया प्रावधान जोड़ा गया है। पहले प्रावधान था कि सिर्फ साडा के गठन के जरिये ही लैंड पुलिंग की जा सकेगी। लेकिन अब यह कार्य सीधे राज्य सरकार कर सकेगी और इसके लिये कोई शासकीय एजेंसी नियुक्त कर सकेगी।