भोपाल में कश्मीर की डल झील का नजारा, बड़ी झील में चला शिकारा, विपक्ष ने उठाए सवाल


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Bhopal Bada Talab Shikara: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में शुक्रवार को कश्मीर जैसा नजारा देखने को मिला। शुक्रवार सुबह भोपाल के शान बड़ा तालाब में शिकारा तैरते देखा गया। ठीक वैसा ही नज़ारा जैसा कश्मीर की डल झील में देखने को मिलता है। दरअसल, नगर निगम ने मछुआरों से शिकारे तैयार कराए हैं। इसका उद्घाटन शुक्रवार को महापौर मालती राय और विधायक भगवानदास सबनानी ने किया। अगर प्रोजेक्ट सफल रहा तो पर्यटकों की संख्या में इज़ाफा हो सकेगा।

हलांकि सरकार के इस कदम को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता, संगीता शर्मा ने अपने X हैंडल पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है, 

नगर निगम भोपाल ने बड़े तालाब में *नाव पर साड़ी बँधवाकर उसे कश्मीर का *शिकारा* बता दिया ! नगरों और शहरों का नाम बदलने में मशहूर भाजपा सरकार अब कहीं *बड़े तालाब* का नाम बदलकर *डल झील* ना रख दे।  इवेंट करने के लिए भाजपा सरकार कुछ भी करने को तैयार…

पत्रकार अतुल प्रकाश लिखते हैं, भोपाली बतोले तो सुने ही होंगे आप लोगो ने उसका जीता जागता उदाहरण है भोपाली शिकारा..

पत्रकार नवीन सिंह ने भी अपने X पर शिकारे का वीडियो शेयर करते हुए लिखा है,   

हरे पीले रंग की चादरें बांधकर भोपाली बोट को 'शिकारा' बना दिया,वाह नगर निगम BPL वाह.. मज़ाक बना दिया है,छोटी सी नांव पर एक चादर बांधकर BMC ये दावा कर रहा है कि ये 'डल झील' है और इस पर चलने वाली बोट शिकारा है..और तो और बोट वाले को किराए के कश्मीरी कपड़े भी पहना दिए..

हालांकि भोपाल की बड़ी झील में शिकारे को लहरों से अठखेलियां करते देख बोट क्लब पर मौजूद पर्यटक रोमांचित हो उठे। मेयर मालती राय ने कहा, बड़ी झील को प्रदूषण मुक्त रखने और नागरिकों को बेहतर पर्यटन सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह पहल की गयी है।

दरअसल, बड़ा तालाब में क्रूज परिचालन बंद होने से पर्यटक निराश हो रहे थे। पर्यटकों को नया अनुभव देने के लिए बड़ी झील में शिकारा चलाने का निर्णय लिया गया है। प्रारंभ में इनकी संख्या कम है, लेकिन मांग के अनुसार इनकी संख्या बढ़ाई जा सकती है।

शुक्रवार को भोपाल के वोट क्लब में जन प्रतिनिधियों ने शिकार की सवारी का भी आनंद लिया। इस दौरान महापौर और विधायक के साथ एमआईसी सदस्य रवींद्र यति, आरके बघेल, आरती अनेजा, सचान, पूजा शर्मा, विनीता सोनी, राजमणि उइके और नगर निगम के अधिकारी भी मौजूद रहे।

दरअसल, पिछले साल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भोज वेटलैंड यानी बड़ा तालाब और नर्मदा समेत प्रदेश के सभी जल निकायों में क्रूज और मोटर बोट के संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया था। तब से, बड़ी झील में क्रूज़ और मोटर बोट दोनों का संचालन बंद हो गया है।