राजस्व अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियां अब कम दरों पर ऑनलाईन मिलेंगी.. डॉ. नवीन जोशी


स्टोरी हाइलाइट्स

भोपाल: प्रदेश में अब राजस्व अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियां कम दरों पर ऑनलाईन मिलेंगी। इसके लिये राज्य सरकार ने नया प्रावधान कर दिया है..

राजस्व अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियां अब कम दरों पर ऑनलाईन मिलेंगी.. डॉ. नवीन जोशी भोपाल: प्रदेश में अब राजस्व अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियां कम दरों पर ऑनलाईन मिलेंगी। इसके लिये राज्य सरकार ने नया प्रावधान कर दिया है। दरअसल एक साल पहले 6 जुलाई 2020 को राज्य सरकार ने मप्र भू-राजस्व संहिता भू-सर्वेक्षण तथा भू-अभिलेख नियम 2000 प्रभावशील किये थे। इसमें लोक सेवा केंद्र एवं एमपी ऑनलाईन से राजस्व अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियां प्रदान करने का उपबंध किया गया था। इसमें खसरा एक साला/खसरा पांच साला/खाता जगाबंदी (खतौनी)/अधिकार अभिलेख/खेवट, वाजिब-उल-अर्ज, निस्तार पत्रक, ए-फोर साइज में नक्शे की प्रतिलिपि, नामांकन पंजी की प्रति ए-4 साइज में, किसी राजस्व प्रकरण में आदेश की प्रति/किसी राजस्व प्रकरण में आदेश पत्रिका की प्रति/राजस्व प्रकरण पंजी की प्रति ए-4 साइज में, हस्तलिखित खसरा पंचसाला (स्केन की गई प्रति) ए-4 साइज में तथा हस्तलिखित राजस्व प्रकरण पंजी (स्केन की गई प्रति) ए-4 साइज में, के पहले पृष्ठ के लिये फीस 30 रुपये एवं प्रत्येक पश्चातवर्ती पृष्ठ के लिये फीस 15 रुपये रखी गई थी। चूंकि यह फीस ज्यादा थी और किसानों पर इसका ज्यादा भार पड़ रहा था, इसलिये अब राज्य सरकार ने राजस्व विभाग के अंतर्गत आने वाले आयुक्त भू-अभिलेख को अधिकार प्रदान कर दिये कि वे उक्त निर्धारित फीस से कम फीस तय कर सके। इसके लिये राज्य सरकार ने नियमों में संशोधन भी कर दिया है। विभागीय अधिकारी ने बताया कि राजस्व अभिलेख की प्रमाणित प्रतियां अब कम दरों पर ऑनलाईन प्रदान की जायेंगी। पहले जो फीस तय की गई थीं वे अधिकतम थीं यानि लोक सेवा केंद्र एवं एमपी ऑनलाईन इससे अधिक फीस नहीं ले सकेंगी। इसमें उनका कमीशन एवं राज्य सरकार का हिस्सा भी शामिल था। अब फीस में राज्य का हिस्सा कम हो सकेगा। यदि ये प्रमाणित प्रतियां विभागीय वेबसाईट पर आवेदन कर ली जायेंगी तो आवेदक को सिर्फ एक तिहाई फीस ही देनी होगी। इससे किसानों पर सहुलियत होगी।