कई वन मंडलों के कार्यालयों को चला रहें हैं कम्प्यूटर ऑपरेटर, सप्लायर्स नेक्सेस से जुड़े हैं तार


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स्टोरी हाइलाइट्स

वन बल प्रमुख वीएन अंबाड़े को सभी डीएफओ को यह लिखना पड़ रहा है कि कंप्यूटर ऑपरेटरों को किसी भी हालत में अपना लॉग-इन पासवर्ड ओटीपी न प्रदान किया जाये..!!

भोपाल: प्रदेश के कई वन मंडलों के कार्यालयों को वर्षो से जमे कम्प्यूटर ऑपरेटर संचालित कर रहें हैं। यहां तक कि उनके तार सप्लायर्स नेक्सस से जुड़े हैं। वन मंडलों में डीएफओ के नाम पर डीलिंग कंप्यूटर ऑपरेटर धड़ल्ले से कर रहे हैं। यही वजह है कि वन बल प्रमुख वीएन अंबाड़े को सभी डीएफओ को यह लिखना पड़ रहा है कि कंप्यूटर ऑपरेटरों को किसी भी हालत में अपना लॉग-इन पासवर्ड ओटीपी न प्रदान किया जाये।

पिछले दिनों वन बल प्रमुख वीएन अंबाड़े ने फील्ड के अधिकारियों को एक पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि महालेखाकार के अंकेक्षण एवं आंतरिक लेखा परीक्षण प्रतिवेदनों से यह संज्ञान में आ रहा है कि अनेक वनमंडलों में कार्यरत् कम्प्यूटर ऑपरेटर एक ही स्थान पर एक ही शाखा से संबंधित कार्य अनके वर्षों से कर रहे है। कार्यालय के आंतरिक नियंत्रण हेतु कार्यालय प्रमुख उत्तरदायी होते है। 

प्रत्येक क्रय, निविदा और भुगतान आदि से संबंधित समस्त पत्राचार एवं नोटशीट नस्ती व्यवस्थित क्रम में पेज नंबरिंग करते हुये पृथक-पृथक संधारित की जाये। इन निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाये। किसी भी प्रकार की लापरवाही अनियमितता एवं त्रुटिपूर्ण भुगतान पाये जाने पर आप स्वयं उत्तरदायी होंगे। अतः कार्यालय प्रमुख की जिम्मेदारी है कि समय रहते सचेत होते हुये कर्मचारियो एवं कम्प्यूटर ऑपरेटरों को रोटेशन की प्रक्रिया करते हुए स्थान शाखाएं दो से तीन वर्ष में अनिवार्य रूप से बदलें। 

इस आशय की जानकारी वर्तमान में कार्यरत् कर्मचारियों एवं एक पद पर कार्य का समय इस कार्यालय को प्रतिवर्ष भेजना सुनिश्चित करें। सूत्रों के अनुसार सीहोर, सिवनी उत्तर, उज्जैन, शाजापुर, छतरपुर, दक्षिण बालाघाट, उत्तर बालाघाट, बैतूल दक्षिण, बैतूल उत्तर, सीधी, शहडोल, रायसेन, देवास समेत करीब 40 वन मंडलों को वर्षों से जमे कंप्यूटर ऑपरेटर ही संचालित कर रहे हैं। 

यह स्थिति अकेले वन मंडलों की नहीं है बल्कि वन भवन में स्थापित विभिन्न शाखाओं में भी कमोवेश यही स्थित है। कैंपा, विकास, संरक्षण, सामाजिक वानिकी, वित्त एवं बजट प्रशासन-एक एवं प्रशासन -दो में बरसों से जमे कंप्यूटर ऑपरेटर एवं बाबू खेल कर रहे हैं और उनके शाखाओ के मुखिया या तो इस खेल से अनजान है या फिर जानबूझकर अनजान बनने का नाटक कर रहे हैं।

कराए गए कार्यों का सोशल ऑडिट कराएं

विभाग प्रमुख ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि मजदूरी एवं अन्य सभी कार्य जिनका भुगतान वास्तविक श्रमिक अथवा वेंडर को किया गया है। कराये गये कार्य का सत्यापन अनिवार्य रूप से सामाजिक अंकेक्षण (Social Audit) के माध्यम से अपने जिले के जिला कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के समन्वय से जिला ब्लॉक/पंचायत के सामाजिक अंकेक्षक (Social Auditor) द्वारा सामाजिक अंकेक्षण (Social Audit) करवाकर प्रतिवेदन इस कार्यालय को भेजना सुनिश्चित करेंगे। 

अंबाड़े के इस निर्देश से फील्ड में कराए जा कार्यों में हो रही गड़बड़ियों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। कहीं ऐसा न हो कि फ़रवरी में अंबाड़े के रिटायरमेंट के बाद जंगल माफिया और सप्लायर्स नेक्सेस पर नकेल कसने वाले निर्देश और परिपत्र डस्टबिन में डाल न दिया जाए। 

दिलचस्प तथ्य भी है कि जब पुष्कर सिंह पीसीसीएफ कैंपा के पद पर पदस्थ थे तब उन्होंने कैंपा फंड के अंतर्गत किए गए कार्यों का थर्ड पार्टी ऑडिट कराया था किंतु आज दिनांक तक ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई। उनके हटने के बाद अन्य किसी पीसीसीएफ कैंपा थर्ड पार्टी ऑडिट कराने की हिम्मत नहीं जुटा पाए।