खराब एवं एक्सपायर वनौषधियों का विनष्टीकरण अब समिति के माध्यम से होगा


Image Credit : X

स्टोरी हाइलाइट्स

यह जानकारी मंत्रालय में हुई उच्च स्तरीय बैठक में एमएफपी पार्क के अधिकारियों ने अपने इस साल के एक्शन प्लान हेतु दी है।

भोपाल। राज्य के वन विभाग के अंतर्गत मप्र लघु वनोपज संघ का लघु वनोपज प्रसंस्करण एवं अनुसंधान केंद्र (एमएफपी पार्क) जोकि प्रदेश में विंध्य हर्बल उत्पादों की सबसे बड़ी और अत्याधुनिक निर्माण इकाई है, अब समिति के माध्यम से खराब एवं एक्सपायर वनौषधियों का विनष्टीकरण करेगी। 

यह जानकारी मंत्रालय में हुई उच्च स्तरीय बैठक में एमएफपी पार्क के अधिकारियों ने अपने इस साल के एक्शन प्लान हेतु दी है। एक्शन प्लान में बताया गया है कि वनौषधियों की गुणवत्ता के निर्धारण के लिये गठित की जाने वाली समिति में माईक्रो बायोलाजिस्ट, केमिस्ट, बाटनिस्ट, क्वालिटी कण्ट्रोलर एवं मेनुफक्चरिंग केमिस्ट रखे जायेंगे।

बैठक में एक्शन प्लान के तहत बताया गया है कि वनौषधियों की गुणवत्ता सुधारने के लिये आंतरिक प्रयोगशाला से फेल सामग्री की पुन:, मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं से जांच कराई जायेगी तथा इसमें भी वनौषधि के फेल होने पर उसे विनष्ट किया जायेगा या उसे संबंधित प्रदायकत्र्ता एजेन्सी को वापस किया जायेगा। 

इसके अलावा, एमएफपी पार्क द्वारा समस्त शासकीय संस्थानों में औषधियों की आपूर्ति हेतु संस्थागत अभिकत्र्ता की नियुक्ति की जायेगी और आय बढ़ाने के लिये खुदरा व्यापार को बढ़ाने का प्रयास किया जायेगा। इसके अतिरिक्त प्राथमिक वनोपज समितियों के माध्यम से कच्ची जड़ी-बेटियों का अधिक से अधिक क्रय किया जायेगा।