ऋषिकेश का नाम देश के खास तीर्थ स्थलों में ही नहीं बल्कि सबसे खूबसूरत जगहों में भी शुमार है। अब ऋषिकेश की खूबसूरती दोगुनी होने वाली है क्योंकि योग नगरी में कांच का पुल यानी ब्रिज बनने जा रहा है। गंगा के दोनों किनारों को जोड़ने वाला ये पुल कांच के ज़रिये बनाया जायेगा।
ख़ास बात यह है कि यातायात के लिए इस्तेमाल होने वाला ये देश का पहला कांच का पुल होगा। पुल का निर्माण कार्य चल रहा है। पुल बनाने वाले लोक निर्माण विभाग के मुताबिक, जुलाई 2023 तक नया पुल बनकर तैयार हो जाएगा। इसके बाद यात्री पुल के ऊपर से यात्रा कर सकेंगे।
लक्ष्मण झूले की जगह लेगा ग्लास ब्रिज-
राम और लक्ष्मण झूले के बिना ऋषिकेश की यात्रा अधूरी है। राम और लक्ष्मण के झूले से गंगा का नजारा और भी खूबसूरत दिखाई देता है। लक्ष्मण झूला पिछले कुछ समय से बंद है, जिससे पर्यटक राम झूले से होकर गुजर सकते हैं। लेकिन अब लक्ष्मण के झूले की जगह नया कांच का पुल ले लेगा।
क्या होगा नाम-
ऋषिकेश में गंगा नदी पर बनने वाले कांच के पुल का नाम बजरंग सेतु होगा। राम और लक्ष्मण के बाद तीसरे पुल का नाम हनुमानजी के नाम पर रखा जाएगा।
क्या गुजर सकेंगे वाहन?
बता दें कि ये ब्रिज तीन लेन का होगा। पैदल मार्ग के रूप में कांच के पुल का निर्माण किया जा रहा है। बीच में एक सामान्य पुल होगा जिसके ऊपर से छोटे वाहन गुजर सकते हैं, जबकि आस-पास टहलने के लिए तीसरी लेन का निर्माण होगा। यह वैसे ही होगा जैसे सड़क पर चलने के लिए फुटपाथ रहता हैं।
पुल कितना होगा मजबूत-
कांच का पुल बहुत मजबूती से बनाया जा रहा है। इस ब्रिज को बनाने में 65 एमएम ग्लास का इस्तेमाल किया जाएगा। यह पुल गंगा नदी से करीब 57 मीटर ऊपर होगा। कांच का पुल लगभग 133 मीटर लंबा होगा। पुल की कुल चौड़ाई 8 मीटर होगी, जिसमें एक पैदल यात्री कांच का पुल और एक वाहन पुल दोनों शामिल हैं।