भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट 2025: विकास के नए आयाम की ओर बढ़ता मध्य प्रदेश


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स्टोरी हाइलाइट्स

ग्लोबल इन्वेस्टर समिट (GIS) की तैयारियों ने शहर को नई ऊर्जा और उम्मीदों से भर दिया है..!!

भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल एक बार फिर देश और दुनिया के निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनने जा रही है। 24 और 25 फरवरी 2025 को आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर समिट (GIS) की तैयारियों ने शहर को नई ऊर्जा और उम्मीदों से भर दिया है। इस बार यह भव्य आयोजन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में होगा, जो प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और आधुनिक विकास के अद्वितीय संगम का प्रतीक है।

इस ऐतिहासिक समिट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। उनकी उपस्थिति से इस आयोजन को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अतिरिक्त महत्व मिलेगा। समिट में देश-विदेश के प्रमुख उद्योगपति, निवेशक, नीति-निर्माता, और व्यापारिक प्रतिनिधि भाग लेंगे, जो मध्य प्रदेश में निवेश के नए अवसरों का अन्वेषण करेंगे।

संस्कृति और विकास का मिलन..

भोपाल शहर को इस अवसर पर दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। प्रमुख सड़कों, चौराहों और ऐतिहासिक स्थलों को विशेष प्रकाश व्यवस्था और रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया है। वीआईपी रोड, राजा भोज सेतु, और न्यू मार्केट जैसी जगहों पर विशेष थीम लाइटिंग की गई है, जो प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर और विकासशील छवि को उजागर करती है।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय को भी विशेष ढंग से संवारा जा रहा है, जहाँ आदिवासी कला और संस्कृति के साथ आधुनिक प्रौद्योगिकी का अनूठा मिश्रण देखने को मिलेगा। यह न केवल प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान को उजागर करेगा, बल्कि निवेशकों को यह संदेश भी देगा कि मध्य प्रदेश परंपरा और नवाचार का सुंदर संगम है।

ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का उद्देश्य मध्य प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहित करना और व्यापारिक अवसरों को सशक्त बनाना है। समिट के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के अवसरों पर चर्चा की जाएगी, जिनमें शामिल हैं:

* आईटी और स्टार्टअप्स

* कृषि और खाद्य प्रसंस्करण

* पर्यटन और आतिथ्य उद्योग

* ऊर्जा और नवीकरणीय संसाधन

* मैन्युफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर

समिट में उद्योग जगत के विशेषज्ञ, नीति-निर्माता, और निवेशक अपने विचार साझा करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगमन: आशाओं की नई दिशा..

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मध्य प्रदेश के इस महत्वपूर्ण आयोजन में  आगमन इस समिट का सबसे बड़ा आकर्षण होगा। संभावना है कि वे अपने भाषण में मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, और आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों के तहत मध्य प्रदेश में निवेश के लिए नई योजनाओं और नीतियों की घोषणा करेंगे।

उनका संबोधन प्रदेश के विकास मॉडल, सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं, और भविष्य की योजनाओं पर केंद्रित होगा, जिससे निवेशकों को प्रदेश में निवेश के लिए प्रेरित किया जा सके।

आर्थिक प्रभाव और संभावनाएं..

ग्लोबल इन्वेस्टर समिट से प्रदेश को प्रत्यक्ष निवेश प्राप्त होने की प्रबल संभावना है, जो रोजगार सृजन, बुनियादी ढांचे के विकास, और तकनीकी उन्नयन के लिए सहायक सिद्ध होगा। पिछले समिट्स में भी मध्य प्रदेश ने बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित किया था, और इस बार की समिट से और भी बड़े निवेश की संभावनाएं जताई जा रही हैं। समिट के दौरान विभिन्न एमओयू (MoUs) पर हस्ताक्षर की उम्मीद है, जो प्रदेश के औद्योगिक विकास को नई ऊँचाइयों तक ले जाएंगे।

सुरक्षा और व्यवस्थाएं: उच्च स्तरीय प्रबंध..

प्रधानमंत्री की उपस्थिति को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। भोपाल पुलिस, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां, और खुफिया विभाग मिलकर समिट स्थल और पूरे शहर में सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बना रहे हैं। यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए भी विशेष योजनाएं बनाई गई हैं, ताकि शहरवासियों और आगंतुकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

उद्योग विभाग की नई पहल: विशेष मेहमानों के लिए खास इंतजाम..

राजधानी में पहली बार हो रहे इतने बड़े आयोजन को देखते हुए उद्योग विभाग ने खास मेहमानों की खातिरदारी के लिए बड़ी इंडस्ट्रीज से मदद माँगी है।सरकार का प्रस्ताव है कि प्रदेश की बड़ी इंडस्ट्रीज खास मेहमानों की जिम्मेदारी लें और उनके ठहरने और अन्य सुविधाओं का इंतजाम अपनी सुविधाओं में करें, ताकि मेहमानों को एक यादगार अनुभव दिया जा सके। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव पहले ही होम स्टे की व्यवस्था करने के निर्देश दे चुके हैं, ताकि मेहमानों को स्थानीय संस्कृति का अनुभव मिल सके।

भोपाल बनाम इंदौर: पहली बार राजधानी में बड़ा आयोजन..

अब तक अधिकांश समिट इंदौर में आयोजित हुई हैं, जहाँ बड़े आयोजनों के लिए आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर पहले से मौजूद है। हालांकि, भोपाल में इस स्तर का आयोजन पहली बार हो रहा है, जिससे शहर के औद्योगिक और आर्थिक परिदृश्य में नया आयाम जुड़ेगा।

राजधानी में 5 स्टार और 4 स्टार होटलों के समकक्ष 600 से 650 रूम उपलब्ध हैं, जबकि 2 स्टार और 3 स्टार रूम की संख्या लगभग 1000 से 1200 है।

आयोजन से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार, अधिकांश मेहमान कार्यक्रम में भाग लेकर उसी दिन वापस चले जाएंगे, इसलिए होटल रूम की बहुत बड़ी संख्या में आवश्यकता नहीं होगी।

लाइव स्टॉल और ब्रांडिंग: स्थानीय उद्योगों को मिलेगा मंच..

मेटल वर्क, हथकरघा, वुड आर्ट, कार्विंग, और जैम मेकिंग जैसे पारंपरिक उद्योगों को लाइव प्रदर्शित किया गया था। भोपाल के आयोजन में भी इस तरह के लाइव स्टॉल लगाने पर विचार हो रहा है, हालांकि मानव संग्रहालय में सीमित जगह के कारण कुछ चुनौतियाँ हैं।

ब्रांडिंग के लिए भी काम किया जा रहा है। उद्योग विभाग ने स्थानीय कंपनियों के ऑडियो-विजुअल बनाने के निर्देश दिए हैं, ताकि वे अपने उत्पाद और सेवाओं को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत कर सके।

उद्योग संगठनों की भूमिका और सहयोग..

बड़े उद्योग संगठनों ने इस समिट को सफल बनाने में पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया है।

राजीव अग्रवाल, अध्यक्ष, एसोसिएशन ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज मंडीदीप ने कहा:

"हर राज्य में इन्वेस्टर्स समिट राजधानी में होते रहे हैं। यह गर्व का विषय है कि भोपाल को पहली बार GIS की मेजबानी मिली है। सरकार से चर्चा हुई है, बड़े उद्योग संगठन होने के नाते हम हर संभव मदद करेंगे।

ग्लोबल इन्वेस्टर समिट 2025 केवल मध्य प्रदेश के आर्थिक विकास का मंच नहीं है, बल्कि यह प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिक प्रगति का अद्वितीय संगम भी है।

भोपाल इस आयोजन के माध्यम से विश्व मानचित्र पर एक उभरते हुए निवेश गंतव्य के रूप में अपनी पहचान मजबूत करेगा। यह समिट न केवल निवेश के द्वार खोलेगी, बल्कि प्रदेश के युवाओं के लिए नए अवसर, रोजगार, और नवाचार की संभावनाएँ भी लेकर आएगी।

मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए हैं, और अब सबकी निगाहें इस आयोजन की सफलता और उसके बाद आने वाले निवेश की घोषणाओं पर टिकी हैं।