हिन्दी लोकोक्तियाँ 25 -दिनेश मालवीय


स्टोरी हाइलाइट्स

Hindi proverbs 23

हिन्दी लोकोक्तियाँ-25 -दिनेश मालवीय 1.चिकना देख फिसल जाना किसी कही सुन्दरता को देखकर उसके लट्टू हो जाना. 2.चिकने का मुँह बिल्ली चाते. जिससे कुछ प्राप्त होने की उम्मीद होती है, उसकी सब खुशामद करते हैं. 3.चिड़िया का धन चोंच ऐसा व्यक्ति जो सिर्फ मजदूरी करके जीवन यापन करता हो. 4.चित भी मेरी पट भी मेरी ऐसे व्यक्ति के लिए कहते हैं, जो हर स्थिति में अपना लाभ चाहता है. 5. चिराग़ तले अँधेरा ऐसे व्यक्ति के लिए कहते हैं, जो दूसरों को उपदेश दे, लेकिन ख़ुद उसका आचरण न करे. 6.चीटी के पर निकल आये. जब कोई व्यक्ति थोड़ा धन या ज्ञान पाकर घमंड करता है, तब कहते हैं. 7.चीटी चली गंगा नहाने. जब छोटे लोग बड़ों की नक़ल करें, तब कहते हैं. 8.चीनी कहने से मुँह मीठा नहीं होता. सिर्फ बात करने से कोई चीज़ नहीं मिल जाती. 9.चूहा बिल्ली का शिकार. कमज़ोर को हमेशा ताकतवर दबाते ही हैं. 10.चोखा माल टन टन बोले. अच्छी चीज़ की परख देखने से ही हो जाती है. 11.चोर की दाढ़ी में तिनका. अपराधी ज़रा-ज़रा-सी बात पर अपने ऊपर शंका करके दूसरों से लड़ता है. A guilty conscience needs no accuser. 12.चोर की माँ कब तक खैर मनाएगी. चोर एक दिन पकड़ा ही जाता है. 13.चोर चोर मौसेरे भाई. एक जैसे स्वाभाव के लोगों में ही दोस्ती होती है Birds of a feather flock together. 14.चोर चोरी से जाए, हेराफेरी से न जाए. व्यक्ति अपना मूल स्वभाव पूरी तरह नहीं छोड़ता. 15.चोर को चाँदनी रात नहीं भाति. चोर का काम अँधेरे में ही हो सकता है. बुरे लोगों को अच्छी बातें बहुत बुरी लगती हैं. 16.चोरी और सीनाजोरी. अपराध करके उल्टे आँख दिखाना. 17.चौबे गए छब्बे होने और दुबे रह गये. कोई कुछ पाने जाए और अपना ही गँवा आये, तब कहते हैं. Too much cunningness overarches इटसेल्फ. 18.छठी का दूध याद आना. बहुत कड़ा परिश्रम करना पड़े, तब कहते हैं. 19.छोटा मुँह बड़ी बात. अपनी हैसियत से बढ़कर बात करना. 20.छोड़े गाँव का क्या नाम. जिस जगह को छोड़ दिया उसे याद नहीं करना चाहिए.