बिना मंजूरी बाघ कॉरिडोर में निर्माण करने को लेकर भारत सरकार सख्त, कार्रवाई करने लिखा पत्र


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स्टोरी हाइलाइट्स

आईएएस शुक्ला और सोमवंशी पर एक्शन करने पर जोर..!!

भोपाल:  सीधी में संजय-दुबरी टाइगर रिजर्व, सोन घड़ियाल सेंचुरी और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व को जोड़ने वाले बाघ गलियारे में मंजूरी के बिना निर्माण कार्य को लेकर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के सहायक वन महानिरीक्षक हेमंत सिंह ने प्रमुख सचिव वन मध्य प्रदेश को पत्र लिखकर कार्यवाही कर पालन प्रतिवेदन भेजने के निर्देश दिए हैं। इसके पहले राष्ट्रीय वन्य प्राणी सलाहकार बोर्ड ने टाइगर  कॉरिडोर में हुए विस्तारित ढांचे को तत्काल ध्वस्त करने और  पीएस पर्यटन शिवशेखर शुक्ला और सीधी कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी के फारेस्ट एक्ट के उल्लंघन करने पर कार्रवाई करने की हिदायत दी है।

नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड की 79वीं बैठक में लिए गए निर्णय और वाइल्डलाइफ एक्टिविस्ट दुबे की शिकायत के बाद एनटीसीए के सहायक वन महानिरीक्षक हेमंत सिंह ने प्रकरण में की गई कार्यवाही की रिपोर्ट से इस प्राधिकरण को अवगत कराने के लिए एसीएस अशोक वर्णवाल को पत्र लिखा है। उल्लेखनीय है कि 23 अगस्त को केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव की अध्यक्षता में वन्य प्राणी सलाहकार बोर्ड की बैठक हुई। 

बैठक में यह प्रकाश में आया था कि पीएस पर्यटन शिवशेखर शुक्ला और सीधी कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी ने सीधी में संजय-दुबरी टाइगर रिजर्व, सोन घड़ियाल अभयारण्य और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व को जोड़ने वाले टाइगर कॉरिडोर में 16 कमरों और पर्यटकों के लिए एक स्वागत कक्ष का निर्माण करवा दिया है।

बोर्ड की बैठक अध्यक्षता कर रहे केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री यादव ने मध्य प्रदेश सरकार पर नाराजगी जताई। केंद्रीय मंत्री  यादव ने  इमारत को तुरंत ध्वस्त करने का आदेश देते हुए कहा है कि उल्लंघन के लिए जिम्मेदार प्रमुख सचिव (पर्यटन और संस्कृति) शिव शेखर शुक्ला और सीधी के जिला कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी पर वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 और वन (संरक्षण एवं संवर्धन) अधिनियम, 1980 के तहत कार्रवाई करने की हिदायत दी है। साथ ही उनसे स्पष्टीकरण भी मांगा है। राज्य सरकार को निर्णय के बारे में सूचित कर उस कार्रवाई का पालन प्रतिवेदन मांगा है।

फॉरेस्ट अफसर की आपत्ति पर ताजी नहीं देते नौकरशाह

अमूमन यह देखा गया है कि राज्य के नौकरशाह वन एवं वन्य प्राणी संरक्षण कानून को लेकर  जब-जब आईएफएस अधिकारियों ने किसी मुद्दे को लेकर आपत्तियों की है या फिर सुझाव दिए हो, उसे गंभीरता से नहीं लिया जाता है। इसकी ताज़ा उदाहरण किसी को भी सीधी में टाइगर कॉरिडोर में पर्यटन विभाग द्वारा पक्का निर्माण किया जाना है।

जब 2023 में बाघ कॉरिडोर में विश्राम गृह के विस्तार के लिए निर्माण कार्य शुरू किया गया तब सोन घड़ियाल अभयारण्य और संजय-डुबरी टाइगर रिजर्व दोनों के अधिकारियों ने आपत्ति जताई। संजय-डुबरी टाइगर रिजर्व अमित दुबे ने पर्यटन विभाग को निर्माण कार्य रोकने और राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से आवश्यक अनुमति के लिए आवेदन करने के लिए कहा था पर दुबे की बात ना तो सीधी कलेक्टर ने सुनी और ना ही प्रमुख सचिव पर्यटन में गौर किया।