MP Forest: दागी रेंजर को बचाने सीसीएफ और डीएफओ आमने-सामने


स्टोरी हाइलाइट्स

MP Forest: ग्वालियर सर्कल के सीसीएफ तोमर सिंह सूलिया और श्योपुर डीएफओ चंदू सिंह चौहान आमने-सामने आ गए है..!!

MP Forest: एक दागी रेंजर को लेकर ग्वालियर सर्कल के सीसीएफ तोमर सिंह सूलिया और श्योपुर डीएफओ चंदू सिंह चौहान आमने-सामने आ गए है। डीएफओ दागी रेंजर के खिलाफ उनके नियम विरुद्ध कृत्य पर कार्यवाई चाहते है। जबकि सीसीएफ सूलिया की इच्छा है कि वह दाग़ रहित रिटायर हो जाए। 

रेंजर की सेवानिवृत इस माह है। वन विभाग में किसी भी अधिकारी हो या फिर कर्मचारी उनके विरुद्ध जांच कछुआ चाल से की जाती है। इसके कारण कई बार बिना किसी कार्यवाई से वह रिटायर भी जाते है। वर्तमान में सबलगढ़ के गेम रेंज में पदस्थ केएम त्रिपाठी से जुड़ा मामला है। 

त्रिपाठी की जब 2017-18 में विजयपुर में पोस्टिंग थी तब केम्पा फंड से विभिन्न कार्य कराए गए थे। इन कार्यों के सम्पादन में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए बीएल ओझा और बनवारी शर्मा ने विभाग के विजिलेंस को शिकायत की थी। 2019 में की गई शिकायत का आज तक निराकरण नहीं हुआ। 

हालांकि, विजिलेंस के निर्देश पर एसडीओ जोगेन्दर पारदे की अध्यक्षता के कमेटी ने जांच में कई बिन्दुओ पर रेंजर त्रिपाठी को क्लीनचिट दे दी किन्तु पूर्व में जॉच दिलीप आदिवासी एवं पवन आदिवासी द्वारा की गर्य शिकायत पर आनन्द सिंह चौहान उप वनमण्डलाधिकारी विजयपुर द्वारा की गई जांच में पत्र रेंजर केएम त्रिपाठी तत्कालीन वन परिक्षेत्र अधिकारी विजयपुर पश्चिम एवं रामवरन शर्मा उप वनक्षेत्रपाल को अग्नि सुरक्षा के 47,950 रुपये की राशि के फर्जी प्रमाणक तैयार करने के मामले में दोषी ठहराने को कमेटी ने भी दोषी माना है।

इनका कहना:

टीएस सूलिया, सीसीएफ ग्वालियर का कहना है कि मैंने डीएफओ से आरोप पत्र पर अभिमत मांगा है। उनके अभिमत के बाद निर्णय लिया जाएगा।

वहीं, सीएस चौहान, डीएफओ श्योपुर का कहना है कि मैंने आरोप पत्र के साथ अपना अभिमत भेज दिया है। अगर दोबारा अभिमत मांगा है तो मैं दिखवाता हूं।