MP Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव का तीसरा चरण, दो पूर्व मुख्यमंत्री और एक केंद्रीय मंत्री की साख दांव पर


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स्टोरी हाइलाइट्स

MP Loksabha Election 2024: तीसरे चरण में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा लोकसभा सीट से और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह राजगढ़ सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि गुना लोकसभा चुनाव की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर है..!!

MP Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में भोपाल समेत मध्य प्रदेश की नौ संसदीय सीटों पर 7 मई को मतदान होना है। एमपी में तीसरे चरण के लिए 127 दावेदार मैदान में हैं।

तीसरे चरण में एमपी की 9 सीटों भिंड, मुरैना, ग्वालियर, राजगढ़, भोपाल, विदिशा, गुना, सागर में वोटिंग होनी है। वहीं बैतूल लोकसभा सीट पर भी तीसरे चरण में मतदान होना है। इन 9 सीटों पर उतरे 127 उम्मीदवारों में  9 महिला उम्मीदवार हैं। 9 लोकसभा सीटों पर कुल 20 हजार 456 पोलिंग बूथों पर वोटिंग होगी। 

एमपी में लोकसभा चुनाव का यह चरण काफी अहम माना जा रहा है। वजह है इस चरण में हाई प्रोफाइल सीटें गुना, राजगढ़ और विदिशा शामिल हैं, जिनमें दो पूर्व मुख्यमंत्री और एक केंद्रीय मंत्री का भी राजनीतिक कद और साख दांव पर है।

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा लोकसभा सीट से और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह राजगढ़ सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि गुना लोकसभा चुनाव की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर है।

इसी चरण में प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी मतदान होना है। भोपाल से बीजेपी ने पूर्व मेयर आलोक शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। भिंड सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फूल सिंह बरैया मैदान में हैं। ग्वालियर में कांग्रेस ने AICC सदस्य प्रवीण पाठक पर भरोसा जताया है, जबकि बीजेपी ने मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री भरत सिंह कुशवाहा उनके सामने उतारा है। सागर सीट पर मध्यप्रदेश महिला आयोग आयोग की पूर्व चेयरपर्सन लता वानखेड़े BJP की तरफ से चुनाव लड़ रही हैं। 

ज्योतिरादित्य सिंधिया एक बार फिर अपनी पारंपरिक सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। सिंधिया 2019 में कांग्रेस के टिकट पर बीजेपी के केपी सिंह से चुनाव हार गये थे। हार से सीख लेते हुए सिंधिया ने इस बार मैदान पर जमकर मेहनत की। उनके साथ उनके बेटे और पत्नी भी चुनाव प्रचार में जुटे रहे। वहीं, कांग्रेस ने सिंधिया परिवार के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी राव यादवेंद्र सिंह को मैदान में उतारा है। राव 2023 तक बीजेपी में थे। उनके पिता मुंगावली सीट से तीन बार बीजेपी विधायक रहे। यादवेंद्र ने 2023 का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर सिंधिया के करीबी बृजेंद्र सिंह के खिलाफ लड़ा है। हालाँकि, उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

मध्य प्रदेश में मामा के नाम से मशहूर शिवराज सिंह चौहान करीब 20 साल बाद फिर से विदिशा से चुनाव लड़ रहे हैं। 2005 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने से पहले वह पांच बार यहां से सांसद चुने गये थे। कांग्रेस ने मामा के खिलाफ 'दादा' को उतारा है। दरअसल कांग्रेस प्रत्याशी प्रतापभानु सिंह स्थानीय नेता हैं और दादा कहे जाते हैं। भानु यहां से 1980 और 1984 में दो बार सांसद रह चुके हैं। वे 1980-84 तक मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष और रक्षा मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य भी रहे।

राजगढ़ सीट पर करीब 32 साल बाद दिग्विजय सिंह की वापसी हुई है. 1991 में दिग्विजय यहां से सांसद बने, लेकिन 1993 में मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। तब से लेकर 2004 तक इस सीट पर उनके भाई लक्ष्मण सिंह कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों से सांसद रहे। दिग्विजय सिंह ने 2019 में भोपाल से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन वे बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा से हार गए।

वहीं, बीजेपी ने दो बार के सांसद रोडमल नागर को तीसरी बार मैदान में उतारा है। पिछले दो चुनाव आसानी से जीतने वाले नागर के लिए चुनौती इस बार कड़ी है। उन्हें उम्मीद नहीं थी कि कांग्रेस इतने ताकतवर नेता को मैदान में उतारेगी। तो बस 7 मई को वोटिंग के बाद इन दिग्गजों की किस्मत EVM में कैद हो जाएगी। सभी नेता अपनी-अपनी जीत का दम भर रहे हैं। लेकिन जीत और हार का फैसला तो 4 जून को ही होगा।