MP News: ग्लोबल इन्वेस्टर समिट से पहले मोहन सरकार फिर लेने जा रही 6 हजार करोड़ का कर्ज


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स्टोरी हाइलाइट्स

यह ऋण 24 और 25 फरवरी को भोपाल में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले लिया जा रहा है। सरकार का मानना है कि इस ऋण से राज्य की विकास योजनाओं और ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट की तैयारियों में तेजी लाने में मदद मिलेगी..!!

मध्य प्रदेश सरकार ने 20 फरवरी को 6,000 करोड़ रुपये का नया कर्ज लेने का फैसला किया है, यह ऋण तीन अलग-अलग किश्तों में लिया जाएगा तथा 12, 15 और 23 वर्षों की अवधि में चुकाया जाएगा।

यह ऋण 24 और 25 फरवरी को भोपाल में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले लिया जा रहा है। सरकार का मानना है कि इस ऋण से राज्य की विकास योजनाओं और ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट की तैयारियों में तेजी लाने में मदद मिलेगी।

इससे पहले सरकार ने 1 जनवरी 2025 को 5,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। इस नये ऋण के बाद चालू वित्तीय वर्ष में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लिया गया कुल ऋण 1,25,000 करोड़ रुपये हो गया है। यह 41,000 करोड़ तक पहुंच जाएगा। यह ऋण सरकार के वित्तीय प्रबंधन और आगामी योजनाओं को पूरा करने के लिए लिया गया है।

24 और 25 फरवरी को होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन कर रही मध्य प्रदेश सरकार ने इस समिट के आयोजन के लिए विशेष तैयारियां की हैं। इस शिखर सम्मेलन में देश-विदेश से निवेशक भाग लेंगे, जिनके लिए सरकार ने यात्रा, आवास एवं अन्य व्यवस्थाएं की हैं। इन तैयारियों पर करोड़ों रुपए खर्च होने का अनुमान है।

हालांकि, विपक्ष और कुछ विशेषज्ञों ने बढ़ते कर्ज के मुद्दे पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि लगातार उधार लेने से राज्य पर वित्तीय दबाव बढ़ सकता है और भविष्य में ऋण चुकाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। सरकार का कहना है कि यह ऋण राज्य के विकास और समिट की तैयारियों के लिए लिया जा रहा है, जिससे राज्य में रोजगार के अवसर पैदा होंगे और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

यह ऋण नये निवेश के लिए माहौल बनाने तथा GIS की सफलता सुनिश्चित करने के लिए लिया जा रहा है। यदि समिट से अपेक्षित निवेश आता है, तो यह ऋण सरकार के लिए लाभकारी साबित हो सकता है, क्योंकि इससे राज्य की विकास दर को बढ़ावा मिल सकता है।