भोपाल: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने वन्य प्राणी सलाहकार बोर्ड की पहली बैठक में कहा कि अगर संभव हो सके तो अपंग घड़ियाल को जनता के लिए डिस्प्ले किया जाए। आम पब्लिक को मगर और घड़ियाल के बारे में जानकारी होना चाहिए।
राज्य वन्य प्राणी सलाहकार बोर्ड की बैठक में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने फॉरेस्ट अफसरों को कई निर्देश दिए। मसलन, मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि जंगलों से निकलकर वन्य प्राणी रहवासी इलाके में आ रहे हैं। इसके कारण वन्य प्राणी और मानव द्वंद्व के संभावना बनी रहती है। मुख्यमंत्री निर्देश दिए हैं कि जिला स्तर पर रेस्क्यू स्क्वाड बनाया जाए। इसके अलावा सांपों को रेस्क्यू करने के लिए जिला और तहसील स्तर पर लोगों को प्रशिक्षित किया जाए। प्रशिक्षित व्यक्तियों से ही रेस्क्यू के कार्य कराए जाए।
पर्यटकों को हाथियों से घुमाया जाए
पहली बैठक में ही मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हाथियों की संख्या कम है। इनकी संख्या बढ़ाई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक राज्य के टाइगर रिजर्व में हाथियों से पेट्रोलिंग का काम कराया जा रहा है। यादव ने सुझाव दिया कि पर्यटकों को भी हाथियों से घुमाया जाए। जीने साफ तौर पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट की रोक है कि पर्यटकों को हाथियों से घेर कर टाइगर न दिखाएं पर उन्हें हाथियों पर सफारी कराई जाना चाहिए। हर सैलानी हाथी पर सवारी करना पसंद करेगा। यह तभी संभव होगा जब हाथियों के दल का विस्तार किया जाए। बैठक में इस बात पर चर्चा नहीं की गई कि हाथियों की संख्या कैसे बढ़ाई जाए?
कान्हा में पुलिस को सौंपी वन भूमि
बैठक में यह तय किया गया कि कान्हा टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र के अंतर्गत वनग्राम सूपखार में एंटी नक्सल ऑपरेशन हेतु 4जी मोबाइल टॉवर स्थापना हेतु 0.0324 हेक्टेयर वनभूमि और वनग्राम पटवा में 0.0324 हेक्टेयर वनभूमि पुलिस अधीक्षक (एन-सेल), जिला बालाघाट को उपयोग के लिए देने पर सहमति बनी। मुख्यमंत्री ने यहां तक कहा कि कान्हा के अलावा अन्य नेशनल पार्क में यह देसी स्थिति निर्मित होती है तो वहां भी पुलिस को वन भूमि दे दी जानी चाहिए।
हर जिले में वन्य प्राणी चिकित्सक हो
बोर्ड के सदस्य मोहन नागर ने सुझाव दिया कि वन विभाग में उन वन्य प्राणी चिकित्सकों की नियुक्ति हो, जिसके पास वन प्राणी सब्जेक्ट पर पीजी की डिग्री हो। नागर का सुझाव यह भी था कि हर जिले में एक वन्य प्राणी प्रशिक्षित डॉक्टर होना चाहिए। पालतू पशुओं के चिकित्सक और वन्य प्राणी चिकित्सकों में काफी अंतर होता है। बोर्ड के दूसरे सलाहकार विजय मनोहर तिवारी ने सुझाव दिया कि आदमखोर के नाम पर किसी भी टाइगर को आजीवन कैद नहीं रखा जाना चाहिए। बैठक में यह भी सुझाव आया कि कर्नाटक की तर्ज पर इको पर्यटन क्षेत्र में डेवलप किया जाना चाहिए।
सोन नदी से रेत निकालने का मामला खटाई में
बोर्ड की बैठक में स्थानीय निवासियों के आजीविका के लिए सोन नदी से रेत निकालने के मामले पर कोई निर्णय नहीं हो सका। बैठक में समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई जिसमें चार-पांच स्थानों को चिन्हित किया गया जहां से रेत का उत्खनन किया जा सकता है। बैठक में सोनी तय किया कि पहले इंपैक्ट एसेसमेंट हो और उसकी रिपोर्ट आने के बाद उत्खनन की परमिशन दी जानी चाहिए।