भोपाल: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सभी विभागों से मिशन 2047 के तहत उनकी कार्य योजनायें मांगी हैं। वन विभाग ने प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण शहरों एवं बड़े कस्बों में जैव विविधता पार्क/नगर वन की स्थापना के अंतर्गत वर्ष 2047 तक राज्य में कम से कम 200 नगर वन/जैव विविधता पार्कों की स्थापना के लक्ष्य की जानकारी प्रेषित की है। यह लक्ष्य वर्ष 2047 में 30 ट्रिलियन डॉलर की राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था बनाने के संबंध में विजन डाक्युमेंट के तहत निर्धारित किया गया है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2047 में आजादी के 100 वर्ष पूरे होंगे।
वन विभाग ने कहा है कि उसने प्रदेश में आगामी वर्षों में लगभग 20 लाख हेक्टेयर बिगड़े वन क्षेत्रों को सघन वनों में परिवर्तित करने का लक्ष्य रखा है। प्रदेश में वर्तमान में 15,608 वन समितियां हैं तथा 11,595 पेसा के अंतर्गत ग्राम सभाएं हैं, जिनके लघु वनोपज एवं जैव विविधता आधारित माईक्रो प्लान तैयार किये जाऐंगे। वनों की स्वस्थ्य वृद्धि के फलस्वरूप जंगल से उद्गमित नदियों को सदानीरा बनाकर जल आपूर्ति की जायेगी।
राज्य की वन नीति, 2005 के अनुसरण में निर्धारित 10 प्रतिशत क्षेत्र में सघन वन प्रबंधन के माध्यम से वनोपज की मांग एवं आपूर्ति के अंतर को समाप्त करना है। इसके अंतर्गत 4 लाख हैक्टयर में व्यवसायिक रोपण का लक्ष्य रखा गया है। संपूर्ण प्रदेश में कम से कम 1000 वनधन केन्द्रों के माध्यम से लघु वनोपज के मूल्य संवर्धन और विपणन का कार्य किया जाएगा। जिससे आदिवासी/वनवासियों की आर्थिक स्थिती में सुधार होगा तथा प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने में मदद होगी।
33 प्रतिशत क्षेत्र में वन आवरण तैयार करने का लक्ष्य
प्रदेश के कुल भौगोलिक क्षेत्र के 33 प्रतिशत क्षेत्र में वन आवरण तैयार करने हेतु कृषि वानिकी, बांस मिशन, पर्यावरण वानिकी तथा सीएसआर के तहत गैर वनक्षेत्र में 5 लाख हैक्ट. में वन आच्छादन किया जाएगा। प्रदेश में राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभयारण्यों में सक्रिय प्रबंधन के माध्यम से वन्यजीवों का पुनस्थापन एवं प्रबंधन किया जायेगा और समस्त संरक्षित क्षेत्र को आपस में वन्यप्राणी कॉरिडोर के माध्यम से जोड़ा जाएगा। साथ ही प्रथम चरण में समस्त संरक्षित क्षेत्रों एवं वन्यप्राणी बाहुल्य क्षेत्रों में बसे 500 ग्रामों को उनकी सहमति से विस्थापित किया जाएगा।
500 होम स्टे की व्यवस्था होगी
मिशन 2047 के लक्ष्यों के बारे में वन विभाग ने कहा है कि प्रदेश में ईको टूरिज्म के स्थलों को चिंहित कर स्थानीय वनवासियों को कौशल उन्नयन के साथ साथ रोजगार सृजन एवं आजीविका सृजन किया जाएगा और ईको टूरिज्म के कम से कम 500 स्थलों को चिंहित कर विकसित किया जाएगा। इसके अलावा, टाईगर रिजर्व क्षेत्रों के आसपास के गंतव्य स्थलों में कम से कम 500 होम स्टे की व्यवस्था कराना। परिक्षेत्र अधिकारी स्तर के सभी 500 परिक्षेत्र अधिकारियों को ड्रोन तथा आधुनिक शस्त्रों/वाहनों से सुसज्जित किया जाएगा। इससे अवैध चराई, अवैध कटाई, अतिक्रमण, उत्खनन एवं वनअग्नि पर पूर्ण नियंत्रण हो सकेगा।
6 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य
प्रदेश के वनक्षेत्रों में लगभग 5 करोड़ पौधे लगाये जाते हैं, इसके अतिरिक्त वनक्षेत्रों के बाहर 1 करोड़ पौधारोपण किया जाकर कुल 6 करोड़ पौधे लगाये जाऐंगे। धीरे-धीरे समस्त वनक्षेत्रों में उन्नत तकनीक से तैयार पौधें लगाये जाऐंगे। राष्ट्रीय/अंतराष्ट्रीय स्तर पर कार्बन ट्रेडिंग के माध्यम से राजस्व प्राप्त करने का प्रयास किये जाऐंगे। वनोपज आधारित उद्योगों को जिसमें काष्ठ, गैर काष्ठ, वनोपज का व्यापार करने पर प्रोत्साहन हेतु व्यवस्था की जाएगी।