प्रदेश में 126 वन धन केंद्रों में से मात्र 66 ही क्रियाशील


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स्टोरी हाइलाइट्स

योजना का उद्देश्य अनुसूचित जनजातिय क्षेत्रों के निवासियों के कौशल उन्नयन कर लघु वनोपज आधारित आजीविका के आयामों को स्थापित करना है..!!

भोपाल: प्रदेश में 126 वन धन केंद्रों में से मात्र 66 ही क्रियाशील हैं। प्रधान मंत्री वन धन विकास योजना, केंद्रीय जनजातिय कार्य मंत्रालय द्वारा शत प्रतिशत वित्त पोषित योजना है। मप्र का वन विभाग इस योजना के लिए राज्य में नोडल एजेंसी है एवं राज्य लघु वनोपज संघ क्रियान्वयन एजेंसी है। इस योजना का उद्देश्य अनुसूचित जनजातिय क्षेत्रों के निवासियों के कौशल उन्नयन कर लघु वनोपज आधारित आजीविका के आयामों को स्थापित करना है। 

वर्तमान में राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा प्रदेश के 20 जिलों में 126 वन धन विकास केंद्रों की स्थापना की गयी है। प्रत्येक वन धन केंद्र में 20 लघु वनोपज संग्राहकों को वन धन स्व सहायता समूहों में जोड़ा गया। एक वन धन केंद्र में 15 स्व सहाय समूहों की स्थापना की गयी इस प्रकार से प्रत्येक वन धन केंद्र में 300 सदस्यों को जोड़ा गया। 15 स्व सहायता समूह को एक-एक लाख रुपये के हिसाब से एक वनधन केंद्र को कुल 15 लाख दिये जाते हैं। 

इनमें से कुल 66 वन धन केंद्र ही वर्तमान में क्रियाशील हैं। वन धन केन्द्रों में लघु वनोपजों का संवहनीय संग्रहण, प्राथमिक प्रसंस्करण एवं विपणन एवं बाजार की उपलब्धता अनुसार वनोपजों का मूल्य संवर्धन जैसे कार्य किए जातें है। इन वन धन केन्द्रों में कुल 35 मूल्य संवर्धित उत्पाद बनाए जाते हैं। केंद्र सरकार के ट्राइफेड द्वारा अनुमोदित कुल उत्पाद 35 हैं।

प्रदेश में प्रधान मंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान योजना (पीएम जनमन) अंतर्गत कुल लक्ष्य 200 विशेष पिछड़ी जनजाति समूह यानि पीवीटीजी वन धन केंद्रों की स्थापना का है। प्रदेश में पीवीटीजी बाहुल्य 18 जिलों (अनुपपुर, अशोकनगर, उत्तर बालाघाट, दक्षिण बालाघाट, दक्षिण छिंदवाड़ा, पश्चिम छिंदवाड़ा, पूर्व छिंदवाड़ा, डिंडोरी, गुना, ग्वालियर, कटनी, पूर्व मंडला, पश्चिम मंडला मुरैना, नरसिंहपुर, दक्षिण शहडोल, श्योपुर, सीधी, शिवपुरी एवं विदिशा) को चिन्हित किया गया है। 

जिनमें से कुल 34 पीवीटीजी वन धन केंद्रों के प्रस्ताव (जिला यूनियन दक्षिण शहडोल के 25 प्रस्ताव, जिला यूनियन पूर्व छिंदवाड़ा के 2 प्रस्ताव,,जिला यूनियन गुना के 5 प्रस्ताव,, जिला यूनियन डिंडोरी से एक प्रस्ताव एवं जिला यूनियन श्योपुर से एक प्रस्ताव) जनजातिय कार्य मंत्रालय भारत सरकार को भेजे जा चुके है। शेष प्रस्तावों को पूर्ण कर भेजने की कार्यवाही की जायेगी।

उल्लेखनीय है कि प्रधान मंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान योजना (पीएम जनमन) का मुख्य उद्देश्य पीवीटीजी परिवारों को सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल, शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधा तक बेहतर पहुंच तथा बेहतर सडक़ और दूरसंचार कनेक्टिविटी तथा स्थायी आजीविका के अवसर जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना है। यह योजना भारत सरकार के 2022-23 के केंद्रीय बजट में घोषित प्रधान मंत्री- पीवीटीजी विकास मिशन का हिस्सा है।