आफत के बीच राहत, हड़ताल का अच्छा असर ! कम हुआ वायु प्रदूषण


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स्टोरी हाइलाइट्स

हड़ताल के पहले तक ग्वालियर में 400 तक पहुंच रहा था इंडेक्स..!!

हड़ताल के कई बुरे असर के बीच एक अच्छा असर यह भी है कि प्रदेश के कई जिलों में वायु प्रदूषण का स्तर कम हुआ है। ग्वालियर में हड़ताल के पहले तक एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार पहुंच रहा था जो कि घटकर 300 से भी नीचे आ गया है। यह स्थिति प्रदेश के दूसरे शहरों की है।

वायु प्रदूषण मामलों के विशेषज्ञों का कहना है कि धुआं वायु प्रदूषण की मुख्य वजहों में से एक है, जिसका मुख्य स्त्रोत वाहन है। शहरों में शाम से लेकर रात तक वाहनों का दबाव बहुत अधिक हो गया है। इनके द्वारा छोड़े गए धुएं में कई तरह के हानिकाकर कण होते हैं जो वातावरण में फैल जाते हैं और हवा को प्रदूषित करते हैं।

चूंकि ठंड के समय में नमी के कारण ये कण भारी हो जाते हैं इसलिए इनका फैलाव जमीन की सतह के आसपास ही रहता है। शुष्क दिवसों में ये उपरी वातावरण में चले जाते हैं इसलिए वायु प्रदूषण रिकार्ड में नहीं आ पाता ।

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार बुधवार को भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन, सिंगरौली समेत लगभग सभी शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर बताने वाला एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के नीचे था, जो कि बीते सप्ताह 400 तक पहुंच रहा था। इन शहरों में धुएं और धूल का स्तर बढ़ गया था। लोगों को तकलीफों का सामना करना पड़ रहा था लेकिन हड़ताल के कारण वाहनों के पहिये थम गए तो धुएं का स्तर कम हुआ है।