मप्र के वनों में अब गेंडों को भी बसाया जायेगा


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स्टोरी हाइलाइट्स

अब संस्थान इस संबंध में प्रतिवेदन भेजेगा तथा उसके अनुसार गेंडों को अन्य राज्यों से मप्र के वनों में ट्रांसलोकेट किया जायेगा..!!

भोपाल: मप्र के वनों में अब गेंडों को भी बसाया जायेगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर राज्य के वन विभाग ने केंद्र सरकार के भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून को पत्र लिख कर कहा है कि वह बताये कि गेंडों के लिये मप्र के वनों में कौन सा उपयुक्त वासस्थल होगा एवं उसकी फिजिबिलिटी क्या रहेगी। 

अब संस्थान इस संबंध में प्रतिवेदन भेजेगा तथा उसके अनुसार गेंडों को अन्य राज्यों से मप्र के वनों में ट्रांसलोकेट किया जायेगा। इससे मप्र देश का चौथा राज्य होगा, जहां गैंडे पाए जाएंगे। गेंडे विलुप्त हो रहे जानवरों की श्रेणी में शामिल हैं। दुनिया भर में इनकी संख्या तेजी से घट रही है। 

एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में 4 हजार गेंडे ही बचे हैं। इनमें से 2,900 भारत में हैं। इनमें से 2,500 से ज़्यादा गेंडे अकेले असम के जंगलों में हैं। फिलहाल, गेंडे भारत के तीन राज्यों असम, पश्चिम बंगाल, और उत्तर प्रदेश में ही पाए जाते हैं। भारत में, एक सींग वाले गैंडे ही पाये जाते हैं जबकि अफ्रीकी गेंडेदो सींग के होते हैं। गैंडे, चरने वाले जानवर हैं। भारतीय गैंडे को ग्रेट गैंडा के नाम से भी जाना जाता है।