IT ऑफिस पहुंचा विपक्ष, परिवहन घोटाले को लेकर अधिकारियों को सौंपे दस्तावेज, कहा- बड़े मगरमच्छ पर नहीं हुई कार्रवाई


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स्टोरी हाइलाइट्स

आयकर विभाग के महानिदेशक से मुलाकात कर परिवहन घोटाले से संबंधित साक्ष्य प्रस्तुत किए, सोने की ईंटें और धनराशि प्राप्त करने के लिए विभाग को बधाई, इस दौरान कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल हाथों में सोने के बिस्किट पकड़े नजर आया..!!

मध्य प्रदेश में 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये नकद घोटाले को लेकर सदन गरमा गया है। इस मामले के प्रकाश में आने के बाद परिवहन विभाग में करोड़ों रुपए का घोटाला उजागर हुआ था। इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार 21 मार्च को आयकर विभाग कार्यालय पहुंचे। 

उन्होंने आयकर विभाग के महानिदेशक से मुलाकात की और परिवहन घोटाले से संबंधित साक्ष्य प्रस्तुत किए। सोने की ईंटें और धनराशि प्राप्त करने के लिए विभाग को बधाई। इस दौरान कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल हाथों में सोने के बिस्किट पकड़े नजर आया।

उमंग सिंघार ने दावा किया कि मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने लोक सेवक के पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार किया और अवैध लेन-देन के जरिए अपनी पत्नी, बेटों, रिश्तेदारों और अन्य लोगों के नाम पर सैकड़ों एकड़ जमीन खरीदी। उन्होंने मांग की कि आयकर विभाग मामले की जांच करे और संपत्ति जब्त करे।

आयकर अधिकारियों से मुलाकात के बाद नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंह ने कहा, "हमें निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया गया है। हमने गोविंद राजपूत और उनके स्टाफ की रजिस्ट्री पेश की है। दिल्ली में प्रॉपर्टी की भी जानकारी दी है। हमें पता होना चाहिए कि यह सोना और पैसा किसका है। 

यह जनता का पैसा है और कांग्रेस पार्टी किसी भी मंत्री, अधिकारी या पुलिस कांस्टेबल को इसे खाने नहीं देगी। सौरभ शर्मा पर कार्रवाई की गई, लेकिन बड़े मगरमच्छ पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। पिछले 15 सालों से भ्रष्टाचार चल रहा था, जिनके नाम उजागर होने चाहिए। समय के साथ सबके नाम सामने आएंगे, सब उजागर होगा।"

उमंग सिंघार ने याचिका में कहा, ''मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने लोक सेवक (मंत्री) के पद का दुरुपयोग कर अवैध रूप से संपत्ति अर्जित की है। सागर जिले के नगरीय क्षेत्र के ग्राम तिलिमाफी, बसियाभांसा कनेरादेव, भापेल, किरावदा, मारा इमलिया, पथरिया जाट, मैनपानी के साथ ही सागर से लगे अन्य तालुका ग्रामों जयसनगर, झिला, नरयावली, खुरई, मिलया एच जेराई में 150 एकड़ से अधिक जमीन खरीदी गई है, जो अभिलेखों में दर्ज है।''

उन्होंने आगे कहा, "इसका वास्तविक बाजार मूल्य 500 करोड़ रुपये से अधिक है। उन्होंने यह पूरी संपत्ति मंत्री रहते हुए भ्रष्टाचार और अपने पद का दुरुपयोग करके अर्जित की है। मंत्री गोविंद राजपूत ने दमोह जिले के भापेल, लुहारी, देवरनवासा, पथरिया में सैकड़ों एकड़ जमीन अपनी सास, साली और साली की पत्नी, उनके भाइयों और उनके परिवार और रिश्तेदारों के नाम पर खरीदी है। इनका बाजार मूल्य 200 करोड़ रुपये है। इनमें से कई जमीनों को सिंचित भूमि से असिंचित भूमि में परिवर्तित कर दिया गया। जिसके कारण इन जमीनों का मूल्यांकन आधा रह गया है। जिससे सरकार को लाखों रुपये की स्टांप ड्यूटी की चोरी हुई है।"

उमंग सिंघार ने आरोप लगाया कि मंत्री गोविंद राजपूत ने 2023 के घोषणा पत्र में 58.22 हेक्टेयर (145.55 एकड़) जमीन की घोषणा नहीं की है। इसकी अनुमानित लागत लगभग 350 करोड़ रुपये है। मंत्री गोविंद राजपूत ने भ्रष्टाचार से अर्जित काले धन को खपाने के लिए ज्ञानवीर सेवा समिति नाम से फर्जी समिति बनाई थी। 

इस समिति में गोविंद राजपूत की पत्नी सविता सिंह को अध्यक्ष तथा पुत्र आकाश सिंह को सचिव बनाया गया। जिसके जरिए उन्होंने बेनामी संपत्तियां खरीदी और बेची हैं। उमंग सिंघार ने यह भी कहा कि इस समिति द्वारा सैकड़ों एकड़ कीमती जमीन खरीदी गई। जिसमें रिश्तेदारों के नाम पर जमीनें खरीदकर समिति को दान कर दी गईं। दान की गई भूमि के दाताओं ने न तो पहले कोई भूमि खरीदी थी और न ही दान की थी।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने मनी लॉन्ड्रिंग कर अपने ससुराल वालों के नाम पर जमीन खरीदी और उसे अपने नाम, अपनी पत्नी और अपने बेटों के नाम पर दान कर दिया। संपत्ति खरीदने से पहले, अवैध रूप से अर्जित धन को बेनामी लेनदेन के माध्यम से जमीन खरीदने के लिए ससुराल वालों के खातों में स्थानांतरित किया गया था। 

जमीन खरीदने के लिए ज्ञानवीर सेवा समिति के बैंक खाते से गोविंद राजपूत के साले रामजी सिंह लुहारी के खाते में रकम ट्रांसफर की गई थी। इसके बाद रामजी सिंह लुहारी के खाते से गोविंद राजपूत के ससुर लाड़कुवर सिंह और साले हिमाचल सिंह के खातों में रकम ट्रांसफर कर दी गई। इसके प्रमाण के रूप में रामजी लुहारी के बैंक खाते का विवरण संलग्न है। ज्ञानवीर सेवा समिति के नाम पर शहरी क्षेत्र में बेशकीमती जमीन खरीदकर और ग्रामीण क्षेत्र में जमीन बेटे के नाम पर ट्रांसफर कर करोड़ों की धोखाधड़ी की गई है।