भोपाल: जिस पतंजलि को बोगस दावे करने पर अदालतों में बार-बार माफी मांगनी पड़ रही है उसी के साथ एम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थान का शोध में शामिल होने का समाचार और मरीजों पर पतंजलि की दवाओं का परीक्षण करना आश्चर्यजनक है।
प्रदेश काग्रेस के विचार विभाग के अध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा कि एम्स के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ का दौरा किया और वहाँ बाबा रामदेव तथा आचार्य बालकृष्ण से भेंट की है। इस अवसर पर उन्होंने पतंजलि अनुसंधान संस्थान के अनुसंधान प्रयोगशाला एवं एनिमल हाउस का भी निरीक्षण किया है।
गुप्ता ने कहा कि मनुष्यों पर उनकी दवाओं का परीक्षण करने के पूर्व पतंजलि और एम्स दोनों को मरीजों की सुरक्षा की अंडर टेकिंग देना चाहिए। क्योंकि वैधानिक मानकों की अवहेलना करना इस संस्थान की आदत में शुमार है। न्यायालयीन मामलों मे दोष सिद्ध होने से अपनी छवि ठीक करने के लिए AIIMS सरीखे संस्थानों की आड़ लेकर व्यापार करना अत्यंत आपत्तिजनक है।
एम्स भोपाल और पतंजलि अनुसंधान संस्थान के बीच शोध सहयोग के नाम पर पतंजलि अपनी छवि सुधारना चाह सकता है और भविष्य में इसे भी व्यावसायिक हानि से बाहर निकलने के लिये इसे अपने प्रचार का साधन बना सकता है। जिससे एम्स के विशेषज्ञ संस्थान होने के छवि पर असर पड़ सकता है। गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा और उपचार देश की आवश्यकता है उसे पूर्व से संशय से घिरे संस्थानों को आगे बढकर सहयोग देना एम्स के स्तर के संस्थानों के लिये अपेक्षित नहीं है।