प्रदेश में मानसून की एंट्री के एक हफ्ते बाद ही लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश के कई शहरों में भारी बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। भारी बारिश के चलते जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। पिछले 24 घंटों में गुना ज़िले में करीब 6 इंच (143.1 मिमी) बारिश दर्ज की गई। इस भारी बारिश के कारण गुना शहर के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए।
निचले इलाकों में जलभराव के कारण लोगों के घरों में पानी भर गया है और कुछ इलाके जलमग्न होकर टापू में तब्दील हो गए। भारी बारिश के कारण पूरे गुना शहर में रात भर बिजली आपूर्ति भी बाधित रही। जलभराव के कारण म्याना समेत कई इलाकों के बिजली सबस्टेशनों में पानी भर गया, जिससे बिजली बहाल करने के प्रयासों में भी देरी हुई। रात भर शहर में अंधेरा रहा और सोमवार सुबह पेयजल आपूर्ति भी पूरी तरह ठप हो गई, जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
बारिश ने जिले की सड़कों और यातायात व्यवस्था को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। गुना शहर और पास के रेलवे अंडरब्रिज में जलभराव के कारण कई मार्ग बंद हो गए। म्याना क्षेत्र में स्थिति तब और खराब हो गई जब वहां रेलवे अंडरब्रिज में एक बड़ा ट्रक आधा डूब गया।
यहां से गुजरने वाले अशोकनगर, नईसराय और उप-ललितपुर मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध हो गए, जिससे क्षेत्र के लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है। धरनावदा गांव की स्थिति सबसे ज्यादा गंभीर बताई जा रही है। यहां गांव का एक हिस्सा चारों तरफ से पानी से घिरा हुआ है और यह पूरी तरह से टापू में तब्दील हो गया है।
प्रशासन ने से क्षेत्र में राहत और बचाव दल की आवश्यकता जताई है, ताकि लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके और जरूरी सामान मुहैया कराया जा सके। इधर, मौसम विभाग ने भी अगले 24 घंटों में भारी बारिश की संभावना जताई है, जिससे स्थिति और गंभीर होने की संभावना है।
जिले भर में छोटी-बड़ी नदियां और नाले उफान पर हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कई पुलों और सड़कों पर पानी बह रहा है, जिससे आवागमन बाधित हो रहा है। कुछ स्कूलों ने सोमवार को छुट्टी भी घोषित कर दी है, ताकि बच्चों को खतरे से बचाया जा सके।
प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है। नगर पालिका, बिजली विभाग और आपदा प्रबंधन टीम को अलर्ट रखा गया है। साथ ही लोगों से अपील की गई है कि वे नदियों, नहरों और जलभराव वाले इलाकों में जाने से बचें और प्रशासन की गाइडलाइन का पालन करें। बारिश का यह दौर जहां खेतों और फसलों के लिए जीवनदायी साबित हो रहा है, वहीं जन-जीवन पर इसका व्यापक असर पड़ रहा है।