सिंघार की पोस्ट ने बढ़ाई सियासी सरगर्मी, BJP ने गिनाए आंकड़े


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स्टोरी हाइलाइट्स

सिंघार ने अपने एक्स हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट शेयर किया है जिसमें आदिवासी समुदाय के एक बच्चे को ये कहते सुना जा सकता है..!!

मध्य प्रदेश विधानसभा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की एक पोस्ट ने एक बार फिर सियासी सरगर्मियों को हवा दे दी है। सिंघार ने अपने एक्स हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट शेयर किया है जिसमें आदिवासी समुदाय के एक बच्चे को ये कहते सुना जा सकता है, कि

"हम गरीब आदिवासी हैं, हम भीख माँगकर खाते हैं, हमारे घर में कोई नहीं है” 

सिंघार ने आगे लिखा, 

पथरिया जिला दमोह के इस मासूम बच्चे की ये बात किसी भी संवेदनशील हृदय को झकझोर देने के लिए काफी है। यह केवल एक बच्चे की नहीं, बल्कि उन हज़ारों आदिवासियों की पीड़ा है जिन्हें उनकी ही ज़मीन से बेदखल किया जा रहा है। 

सरकार को घेरते हुए सिंगाऱ ने लिखा है, कि 

मैं प्रदेश सरकार से पुन: दोहरा रहा हूं कि अगर आदिवासियों के हितों के बारे में सख्त निर्णय नहीं लिए गए तो कांग्रेस एक बड़ा जनआंदोलन करेगी। मैं प्रदेश के हर आदिवासी के साथ खड़ा हूं। इस बच्चें के आंसू व्यर्थ नहीं जाएंगे। 

नेता प्रतिपक्ष ने इस पोस्ट के जरिए सत्ता पक्ष को घेरने कोशिश की, जिस पर बीजेपी ने भी आंकड़ों के साथ अपना जवाब दिया।

बीजेपी प्रवक्ता आशीष उषा अग्रवाल ने पोस्ट शेयर करते हुए कांग्रेस को आईना दिखाने की कोशिश की...उन्होंने लिखा है, कि

उमंग सिंघार जी, आप आदिवासी समाज का हितैषी बनने का ढोंग न करें। जब आप खुद कमलनाथ की 15 महीने की काली सरकार में मंत्री थे, तब आदिवासियों पर सबसे ज़्यादा अत्याचार हुए। क्या तब आपकी संवेदनशीलता सो रही थी? कमलनाथ सरकार में– आदिवासियों के वन अधिकार पट्टे रोके गए। जनजातीय योजनाएं बंद की गईं। आहार अनुदान योजना पर ताला डाल दिया गया।  

आदिवासियों की जमीन पड़प ली गई, फर्जी एनकाउंटर के आरोप लगे, तब उमंग सिंघार जी आप मौन क्यों थे? आज भाजपा सरकार आदिवासियों को सम्मान, शिक्षा और अधिकार दे रही है तो आपके पेट में मरोड़ क्यों हो रही है? 

भाजपा सरकार में वन धन योजना, वन अधिकार पट्टे दिए।  तेंदूपत्ता मानदेय ₹3000 से ₹4000।  325 करोड़ की आहार अनुदान राशि।  पेसा मोबिलाइज़र्स का मानदेय ₹8000।  

सिकल सेल मिशन का सभी 89 विकासखंडों में विस्तार।  आदिवासी मिशन स्कूल योजना शुरू की गई। -रही बात पथरिया, दमोह के मामले की तो मध्‍यप्रदेश में भाजपा की मोहन सरकार है, जो आदिवासी समाज के उत्‍थान के लिए कृतसंकल्पित है और इस मामले में प्रशासन जांच कर रहा है। पीड़ितों के साथ किसी तरह का अन्‍याय नहीं होगा।