भोपाल: मप्र के राज्यपाल मंगु भाई पटेल ने चार साल बाद बागरी जाति वाले दो पूर्व विधायकों यथा सतना जिले की रैगांव सीट से भाजपा के जुगुल किशोर बागरी एवं पन्ना जिले की गुन्नौर सीट से कांग्रेस के शिवदयाल बागरी की अयोग्यता संबंधी याचिका अब खारिज कर दी है।
इनके खिलाफ अखिल भारतीय अनुसूचित जाति परिषद, जिला शाखा सतना अध्यक्ष डीपी साकेत ने 12 जनवरी 2021 को एक याचिका प्रस्तुत की थी जिसमें कहा गया था कि अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र के आधार पर राज्य विधान सभा के लिए ये दोनों विधायक चुने गए थे, लेकिन सतना जिले में बागरी/बागड़ी जाति अनुसूचित जाति की श्रेणी में शामिल नहीं है, इसलिए दोनों को अयोग्य घोषित किया जाये। इस याचिका पर राज्यपाल ने चुनाव आयोग से राय मांगी जिस पर आयोग ने कहा कि विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने पर अयोग्यता संबंधी विषय भी समाप्त हो जाता है।
राज्यपाल ने अपने आदेश में कहा है कि संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश (संशोधन) अधिनियम, 2007 में मध्य प्रदेश राज्य के संबंध में नवीनतम संशोधन के अनुसार, जाति बागरी, बागड़ी (बागरी, बागड़ी में राजपूत, ठाकुर उपजातियों को छोडक़र) अभी भी आदेश में उल्लिखित हैं। केवल कुछ उपजातियां ही सूची के दायरे से बाहर हैं, लेकिन पूरी जाति नहीं।
यदि याचिकाकर्ता व्यथित था, तो उसे निर्धारित अवधि के भीतर संबंधित उच्च न्यायालय के समक्ष चुनाव याचिका दायर करना थी। परन्तु ऐसा नहीं किया गया। इस आधार पर राज्यपाल ने उक्त याचिका को अग्राह्य कर दिया है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में रैगांव से प्रतिमा बागरी तथा गुन्नौर से राजेश कुमार वर्मा भाजपा से विधायक हैं।