अनूपपुर में जंगली हाथियों से एक साल में कोई जनहानि नहीं हुई


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स्टोरी हाइलाइट्स

वर्तमान में 4 नर हाथियों का समूह 7 जुलाई से छत्तीसगढ़ सीमा से वनमंडल अनूपपुर की सीमा में विचरण कर रहा है, जलंगली हाथी परिक्षेत्र जैतहरी के ग्राम ठेही, गौरेला पगना, कांसाकोडा, दुधमनिया, औढेरा, किरर के रास्ते राजेन्द्रग्राम की ओर प्रस्थान कर अमगवां होते हुये जिला डिण्डौरी तक प्रवारस किये तथा वापस अमगवां से बुढार, शहडोल परिक्षेत्र को पार कर जिला उमरिया के घुनघटी क्षेत्र तक जाकर पुन: बुढार परिक्षेत्र के रास्ते जैतहरी परिक्षेत्र में विचरण कर रहे थे..!!

भोपाल: अनूपपुर जिले में वन, राजस्व एवं पुलिस विभाग के संयुक्त प्रयास से विगत एक वर्ष में कोई जनहानि नहीं हुई है और हाथियों की सुरक्षा के साथ जन सुरक्षा भी सुनिश्चित की गई है। गत 24 जुलाई को अनूपपुर जिले के परिक्षेत्र जैतहरी की बीट चोलना के ग्राम चोई में हाथियों के विचरण के दौरान 42 वर्षीय रामपाल राठौर अपने घर की छप्पर में चढक़र हाथियों के विचरण में हो रहे हो-हल्ले को देख-सुन रहा था। 

इसी दौरान छप्पर से गिर जाने के कारण उसे गंभीर चोट लगी और 25 जुलाई को अनूपपुर जिला चिकित्सालय में उसकी उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। वह जंगली हाथियों के समूह से नहीं मरा है। वनमंडल अनूपपुर अंतर्गत विगत 2-3 वर्षों से छत्तीसगढ़ राज्य सीमा से जंगली हाथियों का आगमन लगातार हो रहा है। वर्तमान में 4 नर हाथियों का समूह 7 जुलाई से छत्तीसगढ़ सीमा से वनमंडल अनूपपुर की सीमा में विचरण कर रहा है। जलंगली हाथी परिक्षेत्र जैतहरी के ग्राम ठेही, गौरेला पगना, कांसाकोडा, दुधमनिया, औढेरा, किरर के रास्ते राजेन्द्रग्राम की ओर प्रस्थान कर अमगवां होते हुये जिला डिण्डौरी तक प्रवारस किये तथा वापस अमगवां से बुढार, शहडोल परिक्षेत्र को पार कर जिला उमरिया के घुनघटी क्षेत्र तक जाकर पुन: बुढार परिक्षेत्र के रास्ते जैतहरी परिक्षेत्र में विचरण कर रहे थे। 

वर्तमान में ये चार जंगली हाथी 28-29 जुलाई की दरम्यानी रात को वनमंडल अनूपपुर से छत्तीसगढ़ राज्य सीमा के मरवाही वनमंडल में प्रवेश की चुके हैं। वन्यजीवों से जनहानि की क्षतिपूर्ति राशि वर्ष 2022 में 4 लाख रुपये से बढ़ाकर 8 लाख रुपये की गई है जिसे और बढ़ाये जाने की आवश्यक्ता नहीं है। मकान एवं फसल हानि की जानकारी वन विभाग द्वारा राजस्व विभाग को प्रेषित की जाती है एवं राजस्व विभाग द्वारा नियमानुसार क्षतिपूर्ति की जाती है।