बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को बड़ा झटका लगा है। इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT-BD) ने उन्हें मानवता के खिलाफ अपराधों का दोषी ठहराया है। कोर्ट ने शेख हसीना को दोषी करार देते हुए 453 पेज के फैसले में फांसी की सजा सुनाई है। शेख हसीना फिलहाल भारत में शरणार्थी के तौर पर रह रही हैं।
सुनवाई को दौरान जेजस ने शेख हसीना के साथ मंत्रियों के फोन कॉल्स की ट्रांसक्रिप्ट पढ़ी। ये फोन कॉल्स 2024 में जुलाई-अगस्त के दौरान किए गए। हसीना को फोन कॉल्स के आधार पर ही दोषी करार दिया गया। उन्हें 5 मामलों में दोषी ठहराया गया और इसी के आधार पर फांसी की सजा सुनाई गई।
बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT-BD) ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ मामले में अपना फैसला सुनाया है। पिछले साल छात्रों के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों के दौरान मानवता के खिलाफ कथित अपराधों के लिए उनकी गैरमौजूदगी में उन पर मुकदमा चल रहा है। वकीलों ने दोषियों के लिए मौत की सज़ा की मांग की थी।
हसीना (78) पर अगस्त 2024 में बड़े पैमाने पर तख्तापलट से जुड़े कई आरोप हैं, जिसके कारण उन्हें पद छोड़ना पड़ा था। यूनाइटेड नेशंस ह्यूमन राइट्स ऑफिस की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि हसीना की सरकार के आदेश के बाद 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच "तख्तापलट" के दौरान 1,400 लोग मारे गए थे। इस दौरान ढाका और बाग्लादेश के कई के हिस्सों में अशांति फैली थी।
कोर्ट के फैसले से पहले, शेख हसीना का बयान भी जारी किया गया। अपने बयान में, उन्होंने सभी आरोपों को पूरी तरह से नकार दिया। एक ऑडियो मैसेज में, हसीना ने कहा, "हमने ऐसे बहुत से हमले और मामले देखे हैं।
मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। अल्लाह ने मुझे ज़िंदगी दी है, और एक दिन मैं मर जाऊँगी, लेकिन मैं देश के लोगों के लिए काम कर रही हूँ और करती रहूँगी। हमारे संविधान के आर्टिकल 7(b) में साफ लिखा है कि जो कोई भी चुने हुए प्रतिनिधियों को ज़बरदस्ती सत्ता से हटाएगा, उसे सज़ा मिलेगी। यूनुस ने यही किया (मुझे ज़बरदस्ती सत्ता से हटाया)। अगर कोई कोर्ट में झूठी शिकायत करता है, तो उस पर कानून के तहत केस चलेगा, और एक दिन ऐसा होगा।" उन्होंने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से सज़ा की चिंता न करने को कहा है।
पुराण डेस्क