भारत के हृदय स्थल मध्य प्रदेश में बसने के बाद अब चीता को आजादी भी मिल गई है। अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस के मौके पर अग्नि और वायु नाम के दो नर चीतों को 4 दिसंबर को खुले जंगल में छोड़ा गया।
कूनो नेशनल पार्क के प्रबंधन ने 4 दिसंबर, अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस के मौके पर वायु और अग्नि को खुले जंगल में छोड़ा। इन चीतों को आज़ादी मिलने के बाद, अब दोनों चीते प्रकृतिक तरीके से शिकार करने के लिए जंगल में स्वतंत्र रूप से विचरण करेंगे। दोनों चीते बुधवार से खुले जंगल में सांस लेने के लिए स्वतंत्र हो गए हैं।
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी इसे लेकर एक पोस्ट शेयर की है, उन्होंने लिखा है, अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर कूनो को मिली दो चीतों की सौगात... कूनो नेशनल पार्क में चीते 'अग्नि' और 'वायु' को स्वतंत्र वन क्षेत्र में छोड़ा गया। चीतों के साथ मध्यप्रदेश में पर्यटन भी भरेगा तेज रफ्तार।
आपको बता दें, कि चीतों को खुले में छोड़े जाने के बाद बिना किसी बड़े कारण के बाड़े में वापस नहीं लाया जाएगा। दरअसल चीता प्रबंधन समिति ने वायु और अग्नि को जंगल में छोड़ने का फैसला किया। समिति का मानना है कि निगरानी के दौरान दोनों खुले वनों के लिए आदर्श स्थिति में हैं। दोनों चीते शिकार करने और जंगल में अपने दम पर रहने में भी पूरी तरह सक्षम हैं।
चीतों को खुले जंगल में छोड़े जाने पर उनकी निगरानी के लिए टीमें तैनात की गई हैं। समिति का मानना है कि खुले जंगल में आने के बाद चीतों के मध्य प्रदेश के साथ-साथ राजस्थान और यूपी के कुल 22 जिलों में जाने की संभावना है, जिसके लिए राजस्थान और उत्तर प्रदेश के वन विभागों के साथ बैठकें की गई हैं। लेकिन फिलहाल चीतों की पूरी निगरानी और ट्रैकिंग की जिम्मेदारी मध्य प्रदेश वन विभाग संभाल रहा है।